नयी दिल्ली, 12 मार्च; कोरोना वायरस के कहर से पूरा विश्व खौफ में है. WHO ने कोरोना वायरस (CORONA VIRUS) को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है. आजकल लोग इस पसोपेश में हैं की क्या हर किसी को कोरोना वायरस का टेस्ट कराना चाहिए. खांसी-जुकाम या फ्लू से पीड़ित सभी लोगों को covid-19 का टेस्ट कराना चाहिए?
इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना वायरस टेस्ट को लेकर गाइड लाइन जारी की हैं. आइये जानते हैं क्या हैं वो गाइड लाइन्स-
आईसीएमआर निर्देशानुसार ‘अभी तक ऐसा देखा गया है कि कोरोना वायरस उन लोगों में ही पाया गया है, जो किसी देश की यात्रा से भारत आए हैं। वहीं, कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आने से ही दूसरे लोगों को कोरोना हुआ है।
इसका मतलब यह है कि अभी तक किसी व्यक्ति विशेष में इन कारणों के अलावा कोरोना फैलने की खबर सामने नहीं आई है। ऐसे में सभी को कोरोना टेस्ट कराने की जरुरत नहीं है।
ICMR के अनुसार ऐसे लोग जो पिछले 14 दिनों में जापान, चीन, इटली और ईरान से वापस लौटे हैं और उन्हें 2 हफ्तों के लिए घर में सबसे अलग रहना चाहिए।
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इस अवधि में अगर उन्हें खांसी, जुकाम जैसी परेशानी हैं, उन्हें कोरोना वायरस टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों में खांसी, जुकाम, बुखार और सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं है, उन्हें टेस्ट कराना जरूरी नहीं है। वहीं, जो लोग कोरोना महामारी झेल रहे देशों से वापस नहीं आए लेकिन कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आ चुके हैं, उन्हें आईसीएमआर ने सुझाव दिया है कि ऐसे लोगों को 2 हफ्ते तक अपने घर में सबसे अलग रहना चाहिए। यदि इस अवधि के दौरान वे खुद में कोई लक्षण देखते हैं, तो उन्हें covid-19 का टेस्ट कराना चाहिए।
टेस्ट कराने के लिए व्यक्ति को सीधे तौर पर अस्पताल न जाकर एम्बुलेंस को फोन करना चाहिए। जिससे कि वो लोगों के संपर्क में आने से बच सके।
एम्बुलेंस सभी शहरों की ज्यादातर लोकेशन पर उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति एम्बुलेंस की जरुरत होने पर यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के हेल्पलाइन नम्बर 011-23978046 पर फोन कर सकता है। इसके बाद निगरानी में नियुक्त हुई टीम व्यक्ति से संपर्क करेगी।