नयी दिल्ली, 20 मार्च; कोरोना वायरस किसी भी सतह पर कई घंटे जीवित रह सकता है। नोट और सिक्के ऐसी ही चीज है, जिसका बहुतायत में इस्तेमाल होता है और उसे संक्रमण से बचाने का कोई उपाय भी रिजर्व बैंक नहीं कर पाया है।
ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद अब रिजर्व बैंक ने भी नोटिफिकेशन जारी कर लोगों से अधिकाधिक ऑनलाइन या कैशलेस पेमेंट का सुझाव दिया है।
रिजर्व बैंक ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए सोशल कांटेक्ट कम करने के लिए लोगों को पेमेंट नोट की बजाय डिजिटली करने की सलाह दी है।
आरबीआई ने कहा, पेमेंट के लिए लोग अपनी सहूलियत के अनुसार मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड इत्यादि जैसे डिजिटल पेमेंट मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं और पैसे निकालने या बिल का पेमेंट करने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
साथ ही, आरबीआई ने कहा कि अब डिजिटल पेमेंट के विकल्प जैसे एनईएफटी, आइएमपीएस, यूपीआइ और बीबीपीएस फंड ट्रांसफर की सुविधा 24 घंटे दी जाएगी।
यह भी पढ़ें-जनता कर्फ्यू की पहल पर WHO ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना
एक नोट में होते हैं करीब 26 हजार बैक्टीरिया
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 2012 कागज के नोट पर हुए शोध में सामने आया है कि एक नोट में करीब 26 हजार बैक्टीरिया होते हैं, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए घातक हैं।
कोरोना वायरस भी कागज के नोट से तेजी से फैल सकता है क्योंकि नोट ज्यादा सर्कुलेट होता है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनुराग खटकड़ ने भी कागज के नोट पर बैक्टीरिया से बचाव को लेकर शोध किया है, जिसकी रिपोर्ट सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से कागज की करंसी को सैनिटाइज करना चाहिए।
चीन में नोट किए गए सैनिटाइज
डॉ. अनुराग खटकड़ ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना है कि कागज के नोट से संक्रमण अधिक फैलता है। कोरोना वायरस फैलने के बाद चीन ने भी कागज की करंसी को सैनिटाइज किया है। अन्य देश भी इस पर काम कर रहे हैं।
You can send your stories/happenings here: info@religionworld.in