योग और हिमालय की संस्कृति का विश्व के विभिन्न देशों में होगा विस्तार
- सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार श्री सतपाल जी महाराज ने किया परमार्थ गंगा आरती में सहभाग
- पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने रूद्राक्ष का दिव्य पौधा देकर किया अभिनन्दन
- हरित पर्यटन स्वच्छ पर्यटन पर हुई चर्चा
- योग और हिमालय की संस्कृति को विश्व के विभिन्न देशों में विस्तार पर किया मंथन
ऋषिकेश, 9 अक्टूबर। आज परमार्थ निकेतन के गंगा घाट पर होने वाली दिव्य आरती में उत्तराखण्ड सरकार के सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री श्री सतपाल जी महाराज ने सहभाग किया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, पूज्य श्री सतपाल जी महाराज एवं कथा व्यास महन्त श्री क्षमाराम जी महाराज ने आध्यात्मिक चर्चा के साथ विभिन्न तात्कालिक मुद्दों पर भी चर्चा की।
पूज्य स्वामी जी ने पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री जी से ’हरित पर्यटन एवं स्वच्छ पर्यटन’ तथा योग एवं हिमालय की संस्कृति को विश्व के उन देशों तक पहुंचाने की बात की जहां पर अभी इसकी पहुंच नहीं है। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि यात्रा को यादगार बनाने के लिये पौधा रोपण की संस्कृति को विस्तार देने की जरूरत है उन्होने कहा कि मन्दिरों में प्रसाद के साथ पौधा देने की संस्कृति को अपनाना होगा तभी हम हिमालय एवं गंगा को सुरक्षित रख सकते है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि ’भारत शान्ति का पैगाम देने वाला देश है; यहां पर पर्यटक शान्ति की खोज मंे आते है तो हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हे शान्त, स्वच्छ एवं योगमय वातावरण प्रदान करें। अब समय आ गया है कि शान्ति के साथ हम स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत के रूप में ख्याति प्राप्त करें।’ श्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि ’गंगा की पवित्रता को आत्मसात करने आये पर्यटकों को शान्त, स्वच्छ एवं सुरक्षित पर्यटन देने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है।
कथा यजमान कुलरिया परिवार के सदस्यों ने श्री सतपाल जी महाराज एवं स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज का फूलमाला से भव्य स्वागत किया। तत्पश्चात सभी ने माँ गंगा की दिव्य आरती में सहभाग किया।