दीपावली : राम राज्य की स्थापना अर्थात खुशियों का पर्व
भारत के सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहारों में से एक “दीपावली” को आज देश मनाएगा। ईश्वर की कृपा से आप सबके लिए यह पर्व मंगलमय हो | इस लेख को पढ़ रहे सभी सज्जनों को जय श्री राम | जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि प्रति वर्ष कार्तिक माह में रामलीला एवं दीपावली की धूम होती है | कार्तिक माह रामलीला के कार्यक्रमों से आरम्भ होकर पञ्च दिवसीय दीपावली महोत्सव की धूम के साथ संपन्न होता है।
दीपावली का इतिहास (History of Diwali) :
भारत एक संस्कृति प्रधान देश है | दीपावली के पर्व को लेकर अलग–अलग मान्यताएं हैं कि दीपावली कबसे और क्यों मनाई जाती है | यह लगभग सभी भारतीयों को पता है कि हम दीपावली प्रभु श्री राम जी के वनवास से लौटने की ख़ुशी में मनाते हैं। मंथरा के गलत विचारों से पीड़ित होकर भरत की माता कैकई श्री राम को उनके पिता महाराज दशरथ से वनवास भेजने के लिए वचनवद्ध कर देती हैं। ऐसे में श्री राम अपने पिता की आज्ञा सर्वोपरी मानते हुए माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल पड़ते हैं। वहीँ वन में रावण माता सीता का छल से अपहरण कर लेता है। तब श्री राम सुग्रीव की वानर सेना और उनके परम भक्त हनुमान जी की सहायता से रावण की सेना को परास्त करते हैं और रावण का वध कर सीता माता को छुड़ा लाते हैं। रावण के अंत के साथ ही उसके पापों और अधर्म का भी अंत हो जाता है | उस दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाता है और जब श्री राम अपने घर अयोध्या लौटते हैं तो पूरे राज्य के लोग उनके आने की ख़ुशी में रात्री के समय दीप जलाते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। तभी से उस दिन का नाम दीपावली के नाम से जाना जाता है। प्रतिवर्ष इस त्यौहार को सभी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं |
दीपावली का महत्व (Importance of Diwali) :
भारतीय संस्कृति में दीपावली का बहुत ही मार्मिक महत्व माना गया है | हिंदी कैलंडर के अनुसार दीपावली प्रतिवर्ष कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है | इस दिन जन सामान्य में एक अलग ही उत्साव देखने को मिलता है और यह पर्व खुशियों के पर्व के रूप में मनाया जाता है | लोग अपने मित्रों और रिश्तेदारों को अनेकों उपहार देकर खुशियाँ बांटते हैं | इस दिन लोग अपने घरों की साफ़ सफाई करके पुष्प एवं रंगोली के माध्यम से सजाते हैं और दीप जला कर अत्यंत श्रद्धा एवं आस्था के साथ माता लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा भी करते हैं |
मान्यता है कि इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी जी ने इस सृष्टि में अवतार लिया था | माता लक्ष्मी जी को धन और सम्रद्धि की देवी माना जाता है | इसलिए घर में दीप जलाने के साथ साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा करके अपने आगामी जीवन में सुख–सम्रद्धि की कामना करते हैं |
अंत में मैं आप सभी को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ | आप सभी से यही अपील करता हूँ कि दीपावली का पर्व प्रेम और खुशियाँ बाँट कर मनाएं और जिस प्रकार प्रभु श्री राम ने संसार से अधर्म और बुराई का अंत करके धर्म की स्थापना की थी उसी प्रकार अपने अन्दर की बुराइयों को समाप्त कर प्रभु श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें | इसी कामना के साथ मैं आप सभी का इस लेख को पढने के लिए धन्यवाद करता हूँ |
Author: Harsh Baweja