- एस्कोला योग ब्रह्म विद्यालय यूबरलेंडिया, ब्राजील के डाॅ हुगे जूनियर के नेतृत्व मे आयुर्वेद एवं योग का प्रशिक्षण लेने परमार्थ पहुंचा साधकाें का दल
- पांच दिनों तक परमार्थ में रहकर योग, आयुर्वेद, पंचकर्म ध्यान और भारतीय संस्कृति को किया आत्मसात
- परमार्थ से विदा लेते समय वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी कर लिया जल संरक्षण का संकल्प
ऋषिकेश, 30 जनवरी। ब्राजील के आयुर्वेदाचार्य डाॅ हुगे जूनियर के नेतृत्व में ब्राजील से योग, आयुर्वेद, पचंकर्म, ध्यान एवं भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने 25 सदस्यों का दल परमार्थ निकेतन पहुंचा। डाॅ हुगे जूनियर के नेतृत्व में दल के सदस्य सिल्वियो, सोनिया रिबेरो, क्रिस्टियाना एंड्रैड एफ डी क्रैवल डेनिस एर्ट्स, एल्बा ओलिवेरिया, फ्लाविया, गैब्रियला मगलाहेस, आइसाडोरा सुरियानी, मार्सिया ब्क्काइटिस रिबेरो, पेट्रियिया पेजियो, पाउला, रीटा मारिया चेवेज डे काॅर्डोवा, राॅड्रिगो आॅलिविएरा, लुकास कैंपोस, कैरोलीना एलेंकर एवं अन्य सदस्यों ने पांच दिनों तक परमार्थ में रहकर आयुर्वेद आधारित भारतीय जीवन पद्धति के माध्यम से जीवन जीने के गुर सीखे।
डाॅ हुगे जूनियर प्रतिवर्ष एस्कोला योग ब्रह्म विद्यालय में प्रशिक्षण लेने वाले दल को परमार्थ निकेतन, भारत लाकर आयुर्वेद, योग पर आधारित जीवन पद्धति सीखने के लिये प्रेरित करते है।
आयुर्वेद एवं भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर डाॅ हुगे जूनियर ने ब्राजील में एस्कोला योग ब्रह्म विद्यालय बनाया जिसमें में योग, आयुर्वेद एवं घरेलु चिकित्सा पद्धति के विषय में प्रशिक्षण देते है। इस अभियान के माध्यम से ब्राजील के योग और आयुर्वेद के प्रसार-प्रसार में उनका अद्भुत योगदान है। डाॅ हुगे ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से मिलकर और उनके परामर्श से ही एस्कोला योग ब्रह्म विद्यालय की स्थापना की और उनके आशीर्वाद से ही कई वर्षो से आयुर्वेद और योग के क्षेत्र में कार्य कर रहे है। एस्कोला योग ब्रह्म विद्यालय में सम्पन्न होने वाले आयुर्वेद सम्मेलनों में पूज्य स्वामी को अनेक बार आमंत्रित भी किया गया ताकि इस अभियान को और गति प्रदान की जा सके। ब्राजील में भारतीय संस्कृति एवं वैदिक संस्कृति से परिपूर्ण आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति युक्त आश्रम एवं डाॅ हुगे जूनियर का आयुर्वेद एवं योग के प्रति समर्पण देखकर स्वामी जी महाराज भी अत्यधिक प्रभावित हुये। इस आश्रम को परमार्थ के साथ मिलकर पूर्णरूप से भारतीय योगमय जीवन पद्धति के रूप में विकसित करने पर कार्य योजना बनायी जा रही है ताकि पश्चिम में भी वैदिक संस्कृति आगे बढ़े। डाॅ हुगे जूनियर ने वैश्विक मंचों पर आयुर्वेद एवं योग के अनेक सम्मेलनों में सहभाग कर वैदिक संस्कृति एवं आयुर्वेद पश्चिम देशों में आगे बढ़ाया है।
ब्राजील से आये प्रतिभागियों ने पांच दिनों तक परमार्थ निकेतन में रहकर योगाचार्यो एवं आयुर्वेदाचार्यो से आसनों एवं पंचकर्म का प्रशिक्षण प्राप्त किया साथ ही दल के सदस्यों ने पूज्य स्वामी जी एवं साध्वी भगवती सरस्वती जी के आडियो के माध्यम से भारतीय संस्कृति और आध्यात्म के विषयों पर जानकारी प्राप्त की।
डाॅ हुगे जूनियर और दल के सदस्यों ने सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी जी के साथ वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी में सहभाग किया। दल के सदस्यों ने प्रतिदिन गंगा स्नान, यज्ञ एवं दिव्य गंगा आरती में सहभाग किया।