फिल्म पद्मावती पर अब देवबंदी उलेमा ने भी दी प्रतिक्रिया
देवबंद, 20 नवम्बर; सहारनपुर देवबंद में फिल्म पद्मावती को लेकर देशभर में मच रहे बवाल पर देवबंदी उलमा ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उनका कहना है कि फिल्म निर्देशकों को चाहिए कि वह समाज में जागरूकता, भाईचारा और एजुकेशन को बढ़ावा देने वाली फिल्मों का निर्माण करें।
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रविवार को फतवा ऑनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि “फिल्म बनाने का उद्देश्य समाज सुधार, शिक्षा को बढ़ावा देना, अच्छाई को आम करना और लोगों के अंदर आपसी सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देना होता है. ऐसी कोई फिल्म तैयार होती है जिससे हिंदुस्तानी समाज और कल्चर में आपसी मतभेद पैदा होता और लोग उग्र होते हैं तो ऐसी फिल्मों के निर्माण से निर्देशकों को बचना चाहिए और सेंसर बोर्ड को भी इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.”
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मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा, “हिंदुस्तान ऐसा मुल्क हैं जहां हर धर्म और हर वर्ग के लोग रहते हैं. इसलिए नफरत फैलाने और माहौल को खराब करने वाली फिल्मों का प्रदर्शन न हो यह जिम्मेदारी सेंसर बोर्ड की बनती है. पिछले काफी समय से ऐसी फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं. जबकि आज जरूरत इस बात की है कि फिल्म निर्देशक दिलों को जोड़ने वाली फिल्मों का निर्माण करें.”
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