छत्तीसगढ़ में देव संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना : बिना फीस की चिंता के पढ़ सकेंगे छात्र
- छत्तीसगढ़ में देव संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना
- विकास की महत्वपूर्ण कड़ी : डाॅ. रमन सिंह
- मुख्यमंत्री ने सांकरा में देव संस्कृति विश्वविद्यालय का किया लोकार्पण
- विश्वविद्यालय की सभी समस्याओं और मांगां पर हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया
अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डाॅ. पण्डया ने आज 15 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह की जन्म दिवस पर देव संस्कृति विश्वविद्याालय की छत्तीसगढ़ में शुरूआत को प्रदेशवासियों के लिए महत्वपूर्ण तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शुरू हो जाने से छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को अब सूचना और प्रौद्योगिकी, थ्री-डी, विज्ञान तकनीक, एनीमेशन, पत्रकारिता और अन्य सामान्य पाठ्यक्रमों के साथ-साथ योग, धर्मशास्त्र, भारतीय दर्शन, वेद-पुराण, व्यक्तित्व विकास तथा सभ्यता संस्कृति के बारे में भी आसानी से पढ़ने की सुविधा मिलेगी। डाॅ. पाण्डया ने बताया कि विश्वविद्यालय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के लगभग 53 पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए विद्यार्थियों को फीस की चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। फीस नहीं दे सकने वाले विद्यार्थियों को भी इस विश्वविद्यालय में प्रवेश ले सकेगा। डाॅ. पण्डया ने कहा कि ऐेसे निर्धन गरीब विद्यार्थियों की फीस की भरपाई अखिल विश्व स्तर पर विस्तारित गायत्री परिवार के सदस्यों से विद्यादान के रूप में प्राप्त सहायता से कर ली जाएगी।