ऑस्ट्रिया में मस्जिदों को बंद करने का निर्णय से नाराज़ देवबंदी उलमा
देवबंद, 12 जून; ऑस्ट्रिया में सरकार द्वारा 7 मस्जिदों को बंद किए जाने का निर्णय लेने पर देवबंदी उलमा ने इसकी कड़ी निंदा की है. उलमा का कहना है कि इस तरह की हरकतें करना इस्लाम दुश्मनी का सबूत है. इस मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) को दखल देना चाहिए.
रविवार को दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ खान कासमी ने कहा कि ऑस्ट्रिया में सरकार की तरफ से कई मस्जिदों को बंद किए जाने का फैसला लेना संयुक्त राष्ट्र संघ और यूरोपियन यूनियन में पारित हुए कानूनों के खिलाफ व अल्पसंख्यकों के हकों को खत्म करने वाला है. जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है. सरकार को कोई हक नहीं बैठता कि वह बिना किसी वजह उनके धार्मिक स्थल को साजिश के तहत निशाना बनाकर उन्हें बंद कराए. मुफ्ती शरीफ ने कहा कि इस्लाम और मुसलमान की दुश्मन ताकतों की हमेशा से यह कोशिश रही है कि मुसलमानों को और ज्यादा परेशान किया जाए. ताकि उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़े. उन्होंने कहा कि इस तरह की पाबंदियां लगाने से यह साफ है कि इस प्रकार की हरकतें करने वाली ताकतें इस बात से खौफजदा हैं कि तमाम हथकंडे अपनाने के बाद भी इस्लाम आज भी 1400 साल पहले की तरह तरोताजा है.