Dharma, Adhyatma and Sampraday : Swami Parmatmananda Saraswati
दर्शन आस्तिक है और नास्तिक दर्शन भी। दर्शन जैन भी है, बौद्ध भी है, न्याय भी है और सांख्य भी है। दर्शन का अर्थ है ज्ञान। दर्शन को ज्ञान कहें तो किसका ज्ञान? लेकिन ज्ञान किसका, ये भी सापेक्ष हो सकता है। परमपूज्य स्वामी परमात्मानंद सरस्वती जी ने दर्शन, धर्म, सत्य, सनानत और वैदिक की पूरी परिभाषा पेश की।
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