धर्मादेश हुआ जारी : “राम मंदिर पर कानून या अध्यादेश लाए सरकार” – संतों का आदेश
अखिल भारतीय संत समिति के तत्वावधान में आहूत की गई संतों की महासभा धर्मादेश आज 4 नंवंबर को धर्मादेश पारित होने के बाद संपन्न हुई। दो दिन में इस आयोज में हजारों संतों ने हिस्सा लिया। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आज धर्मादेश जारी हुआ। जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महारा, जगतगुरु हंसदेवाचार्य जी महाराज,स्वामी अविचलदास जी महाराज, स्वामी परमानंद जी महाराज, स्वामी बालकानंद जी, स्वामी रविन्द्रपुरी जी महाराज और स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने इस धर्मादेश पर हस्ताक्षर करके इसे जारी किया।
धर्मादेश की उद्घोषणा जगतगुरु हंसदेवाचार्य जी ने संतों, उनके भक्तों और मीडिया को बताया कि श्रीराम मंदिर मुद्दे पर संतों ये आदेश है कि सरकरा या तो कानून बनाएं या अध्यादेश लाए। हर आदेश के दो पहलू थे। पहला संतों के लिए दूसरा जनता के लिए। हंसदेवाचार्य जी ने बाकायदा इसे विस्तार से पेश किया।
धर्मादेश का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के जनवरी में सुनवाई के आदेश के बाद पहला आय़ोजन बना जिसमें हिंदू धर्म के संतों की एकजुटता दिखी। हिंदू धर्म के तकरीबन सभी संप्रदायों और देश के सभी क्षेत्रों से संतों का प्रतिनिधित्व इसकी सफलता का कारक बना। कार्यक्रम के दूसरे और आखिरी दिन देश के कई प्रमुख संतों ने इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। जगतगुरु रामभद्राचार्यजी महाराज, गोविंददेव गिरी जी महाराज ने अपनी बात रखी और श्रीश्री रविशंकर जी ने भी सबरीमाला और श्रीराम मंदिर पर अपनी राय खुलकर रखी।
जगतगुरू हंसदेवाचार्य जी ने धर्मादेश में कई मुद्दों पर पारित आदेश को पेश किया।
धर्मादेश के मुख्य बिंदू
“राम मन्दिर निर्माण के लिए कानून बनाओ या अध्यादेश लाओ। इससे नीचे किसी बात पर समझौता नहीं होगा”
– बांग्लादेश सीमा पर शीघ्र हाई फेंसिंग कर घुसपैठ को रोक जाए
– अवैध घुसपैठयों को बाहर किया जाए। बांग्लादेश से बात किया जाए।
– घुसपैठ के लिए कठोर कानून बने। फर्ज़ी सर्टिफिकेट बनाने वाले अधिकारियों को कठोर सजा।
– रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान कर बाहर निकाला जाए। जनता इन घुसपैठयो को चिन्हित करें। सरकार को बताए।
– गौ मंत्रालय बने। गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए।
– धंधा वाली गौशाला से बचे।
– गंगा हमारे पूर्वोजों का पुण्य प्रताप है। सरकार गंगा जी की अविरलता और निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए नेशनल गंगा रिवर एक्ट लेकर आये।
– मठ मंदिरों का अधिग्रहण खत्म किया जाए।
– तीर्थाटन मंत्रालय का गठन करे।
– सभी नागरिक अपने मत का प्रयोग अवश्य करे। मत प्रयोग अनिवार्य करो।
– जो गौ गंगा गायत्री का सम्मान करें उसी को मतदान करें।
– नोटा लोकतंत्र का अपमान है। नोटा का प्रयोग करने वाले राष्ट्रद्रोही हैं। लोकतंत्र में उदासीनता घातक है।
-दिल्ली में 9 दिसंबर 2018 को 5 लाख लोग, संत महात्मा, दिल्ली में एकत्रित होंगे।
-गीता जयंती के दिन से 500 जिलों में जनजागरण किया जाएगा
– भगवान से प्रार्थना करना, अनुष्ठान करना।
– अब एक मिट्ठी का दिया राममंदिर के निर्माण के लिए हर व्यक्ति, हर बच्चा अपने अपने घर, शिवालय, मंदिरों में जलाएगा।
– चीन का सामान बंद होना चाहिए।
– ये सरकार समस्याओं के समाधान के लिए जो कुछ भी कर रही है। उससे हम संतुष्ट हैं। इस सरकार को दुबारा लाना है।
अगली विशाल धर्मसभा
25 नवंबर 2018 – अयोध्या, नागपुर, बैंगलोर में
- तालकटोरा से भव्य श्रीवास्तव की रिपोर्ट