हरिद्वार कुम्भ मेला 2021 को स्वच्छ, हरित और सुरक्षित बनाने पर विस्तृत चर्चा
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और शहरी विकास मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, श्री मदन कौशिक जी की हुई भेंटवार्ता
- आगामी कुम्भ मेला को स्वच्छ, हरित और सुरक्षित बनाने तथा हरिद्वार के सतत और सुरक्षित विकास पर हुई विस्तृत चर्चा
- हरिद्वार कुम्भ मेला के पहले हरिद्वार के भीड़ वाले स्थानों पर एसटीपी प्लांट लगाने, प्लास्टिक मुक्त कुम्भ तथा कुम्भ के दौरान बनाये जाने वाले शिविरों में एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल न करने पर हुआ विचार विमर्श
- कुम्भ परिसर और शिविरों में भण्डारा और अन्य गतिविधियों के दौरान प्लास्टिक के कप, प्लेट और अन्य एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का पूर्ण रूप से निषेध किया जाये-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 17 अगस्त। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और शहरी विकास मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, श्री मदन कौशिक जी की भेंटवार्ता हुई। सर्वप्रथम स्वामी जी ने उत्तराखण्ड मंत्रिमण्डल और माननीय मुख्यमंत्री जी की ईमानदारी, वफादारी, कर्मठता ’योगः कर्मसु कौशलम्’ और मिलकर कार्य करने हेतु धन्यवाद दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने श्री मदन कौशिक जी से कहा कि उत्तराखण्ड राज्य दु्रत गति से विकास कर रहा है परन्तु हमारे विकास का लक्ष्य सतत और सुरक्षित विकास होना चाहिये। उन्होने कहा कि आगामी कुम्भ मेला को एकल उपयोग प्लास्टिक से मुक्त बनाना हम सभी का प्रथम लक्ष्य होना चाहिये। साथ ही हरिद्वार कुम्भ मेला के पहले हरिद्वार के भीड़ वाले स्थानों पर एसटीपी प्लांट लगाने, जहां पर एसटीपी की लाइनें नहीं है और कुम्भ मेला चुंकि दूर तक फैलेगा, उन क्षेत्रों में यह विकेन्द्रीकृत एसटीपी प्लांट लगाये जा सकते हैं। प्लास्टिक मुक्त कुम्भ तथा कुम्भ के दौरान बनाये जाने वाले शिविरों में प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल न करने पर भी विस्तृत चर्चा हुई। उन्होने कहा कि संतों और सरकार को अभी से ही मिलकर यह तय करना होगा कि कुम्भ परिसर और शिविरों में भण्डारा और अन्य गतिविधियों के दौरान भी प्लास्टिक के कप, प्लेट और अन्य एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का पूर्ण रूप से निषेध किया जाये।
स्वामी जी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य योग, अध्यात्म और प्राणवायु आॅक्सीजन से समृद्ध राष्ट्र है। कुम्भ के दौरान भारत सहित विश्व के अनेक देशों से यहां पर श्रद्धालु और पर्यटक आयेंगे जो यहां से योग, ध्यान, साधना और यहां की आध्यात्मिकता को आत्मसात करने के साथ यहां से अपने साथ स्वच्छता और हरियाली का संदेश भी लेकर जाये तो और भी बेहतर होगा। स्वामी जी ने कहा कि स्वच्छता की व्यवस्थाओं में हमें सबसे पहले कूड़ा कचरा प्रबंधन, व्यवस्थित कचरा डंपिग क्षेत्र आदि को और बेहतर करना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में लगे एस टी पी प्लांट पर चर्चा करते हुये कहा कि यह एक माॅडल के रूप में है और एक सफल माॅडल के रूप में सामने आया है। कम लागत और कम स्थान (चार गज/चार गज) में लगाये जाने वाले इस सयंत्र को हम कुम्भ से पहले बड़े सरकारी भवनों, कालोनियों, अपार्टमेंट और भीड़ वाले स्थानों में लगाये तो प्रदूषण को काफी हद तक कम कर सकते है और गंदगी दूर कर सकते है।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि कुम्भ मेला को क्लीन, ग्रीन और एकल उपयोग प्लास्टिक से मुक्त कुम्भ बनाने के लिये हमें टाट कल्चर को बढ़ावा देना होगा। ताकि यहां आने वाले लोगों का नजरिया बदले वे यहां से एक नई सोच लेकर जाये और कुम्भ से लोगों को एक दिशा मिले। साथ ही कुम्भ के दौरान योग, आयुर्वेद, उत्तराखण्ड की संस्कृति, भोजन और प्रमुख पर्यटन स्थलों को आगे लाने तथा विश्व के लोगों को इससे अवगत कराने हेतु विस्तृत चर्चा की।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक जी ने कहा कि स्वामी जी महाराज के सुझावों पर शीघ्र ही सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर चर्चा की जायेगी तथा सभी मिलकर कुम्भ के दौरान माँ की पवित्रता और उत्तराखण्ड की दिव्य को ध्यान में रखते हुये दिव्य कुम्भ मेले का आयोजन करने हेतु प्रतिबद्ध होेंगे।