कामिका एकादशी व्रत गुरूवार यानि 16 जुलाई को है। श्रावण माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन कामिका एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसे पवित्रा एकादशी भी कहते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस व्रत के प्रभाव से व्रती के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। व्रती को अश्वमेघ यज्ञ के समान मिलने वाला फल प्राप्त होता है।
लेकिन कामिका एकादशी के दिन कुछ विशेष कार्यों को नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है वह कार्य –
चावल का सेवन न करे
शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। इस दिन व्रत नहीं रखने वालों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। द्वादशी के दिन खाने चाहिए।
मांस-मदिरा का सेवन न करें
एकादशी के दिन मांस-मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए। वैसे भी श्रावण मास मांस मदिरा का परित्याग करना चाहिए । इस दिन विष्णु भगवान की पूजा से विशेष लाभ होता है।
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ब्रह्मचर्य का पालन करें
एकादशी के दिन शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। इस दिन संयम के साथ ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए। एकादशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का दिन है, इस दिन भजन-कीर्तन करने चाहिए।
क्रोध न करें
एकादशी का पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है। इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए। किसी भी व्यक्ति से वाद- विवाद में नहीं उलझना चाहिए और वाणी में संयमता बरतें। इस दिन भगवान विष्णु का गुणगान करते रहना चाहिए।
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शाम के वक्त न सोयें
एकादशी के दिन शाम के समय में सोना नहीं चाहिए। इस दिन सुबह भी जल्दी उठ जाना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। संध्या के समय पूजा में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और कामिका एकादशी की व्रत कथा को सुनें।
तुलसी पत्र का प्रयोग करें
कामिका एकादशी के व्रत में तुलसी पत्र का विशेष महत्व है। इस दिन तुलसी पत्र पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
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