शांतिकुंज ने मनाई इको फ्रेंडली दीपावली
- मानसिक स्वच्छता का भी संदेश देता है यह पर्व – डॉ. पण्ड्या
हरिद्वार 8 नवंबर। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में विगत वर्ष की भाँति इको फ्रेंडली दीपावली मनाई गयी। महिला मण्डल की बहिनों ने गायत्री तीर्थ व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर को गणेश, लक्ष्मी, मोर आदि आकर्षक रंगोलियों से सजाया। हर ओर इको फ्रेण्डली दीवाली मनाने का संदेश भी लिखा हुआ था। तो वहीं पर्व का मुख्य कार्यक्रम सत्संग हाल में भव्य दीपमहायज्ञ के साथ हुआ। जहाँ गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैल दीदी ने बही खाता का पूजन किया।
इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुख डॉ पण्ड्या ने कहा कि दिवाली के अवसर पर प्रज्वलित होने वाला दीपक हम सभी को प्रकाशित होने का संदेश देता है। वे अपने भीतर के तेल (स्नेह) की एक-एक बूंद जलाकर जग को प्रकाशित करते हैं। उन्होंने कहा कि उसी मनुष्य का जीवन धन्य है, जिनके जीवन में गतिशीलता है, मानसिक स्वच्छता है, ईर्ष्या, द्वेष से परे हैं। उन्होंने कहा कि वह विवेकवान तो हो, पर उसमें वैराग्य भाव का समावेश हो। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि बाहर व भीतर की पवित्र (सफाई) होने पर लक्ष्मी विराजती है। संस्था की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने कहा कि दूसरों के अंधेरा मिटाने में अपना एक अंश लगाने के संकल्प के साथ दीपोत्सव मनाये।
इससे पूर्व संस्था की अधिष्ठात्री शैल दीदी व डॉ. प्रणव पण्ड्या ने पर्व पूजन किया तथा वेदमाता गायत्री ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं लेखा विभाग प्रभारी श्री हरीश ठक्कर ने बही खातों का पूजन किया। इस अवसर पर वैदिक कर्मकाण्ड श्री श्याम बिहारी दुबे ने सम्पन्न कराया। वहीं शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्त्ताओं ने एक दिया सैनिकों के नाम भी जलाये।
इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुखद्वय ने वांगमय खंड-७९ ‘पं. श्रीराम शर्मा आचार्य-सुक्ति कोश’ का विमोचन किया।
देसंविवि स्थित गौशाला में गोवर्धन पूजा सम्पन्न
हरिद्वार 8 नवंबर। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय स्थित गौशाला में गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या जी के मुख्य आतिथ्य में गोवर्धन पूजा का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर लोगों ने गाय के संवर्धन एवं गौ उत्पाद को बढ़ाने पर बल दिया।
इस अवसर पर डॉ. पण्ड्या ने कहा कि गोवर्धन पूजन का पर्व गौ संवर्धन एवं अनीति के विरुद्ध संघर्ष का ऐतिहासिक पर्व है, जिसमें राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि का मर्म सन्निहित है। उन्होंने कहा कि देशभर में गायत्री परिवार द्वारा करीब 600 गौशाला संचालित हो रही हैं। जहाँ गौ उत्पाद के औषधीय उपयोग हेतु शोध भी किये जा रहे हैं। देसंविवि स्थित गौशाला में गौअर्क, दर्द निवारक तेल, पंचगव्य सहित कई प्रकार की औषधि बनाये जा रहे हैं, जिन पर शोध कार्य चल रहे हैं। गोवर्धन पूजा के अवसर पर देसंविवि परिसर में उत्साहवर्धक माहौल था। स्वयंसेवकों ने पूजन की वेला में ग्वालबालों की परम्परागत वेशभूषा में नाचते-गाते उत्साहपूर्वक मनाया। वहीं अतिथि कलाकारों ने मोनिया नृत्य कर लोगों को मन मोह लिया।