नई दिल्ली, 25 मई; रमज़ान उल मुबारक महीने का 30वां रोजा रविवार को रोजेदारों ने मुकम्मल किया. इसके साथ ही ईद के चांद का दीदार हो गया है.
दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि ईद का चांद दिख गया है और पूरे देश में 25 मई को ईद-उल-फित्र मनाई जा रही है. हालांकि, केरल और जम्मू-कश्मीर में शनिवार को ही ईद के चांद का दीदार हो गया था, जिसके बाद यहां पर शनिवार को ही ईद मनाई गई.
ईद-उल-फित्र के साथ इस्लामिक कैलेंडर के शव्वाल महीने की शुरुआत होती है. ये इस्लामिक कैलेंडर का दसवां महीना होता है. ईद का दिन एकमात्र ऐसा दिन होता है जिस दिन रोज़ा नहीं रखा जाता.
ईद के चांद का दीदार होने के बाद यानी शव्वाल का महीना शुरू होने के साथ ईद मनाई जाती है, इसलिए दुनियाभर में इसकी तारीख अलग-अलग होती है.
बता दें कि सऊदी अरब, यूएई समेत तमाम खाड़ी देशों में 23 मई को ही ईद के चांद का दीदार हो गया था, जिसके बाद 24 मई को ईद मनाई गई थी. जबकि भारत में 24 मई को ईद का चांद दिखाई देने के बाद आज पूरे देश में ईद का त्योहार मनाया जा रहा है.
इस बार पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है. इसी के कारण सभी धार्मिक स्थल भी बंद किए गए हैं ऐसे में लोगों से अपने घरों में ही नमाज अदा करने की अपील की जा रही है.
तमाम धार्मिक नेताओं ने भी कोरोना के प्रकोप के कारण लोगों से अपने घरों में ही इबादत करने की अपील की है. इसके साथ ईद के इस मौके पर लोगों को गले न मिलने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुबारकबाद देने को कहा गया है.
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5 लोग ही मस्जिदों में अदा करेंगे ईद की नमाज़
महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पहले से कमर कसी हुई है. महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग ईद के मौके पर जमात के साथ नमाज अदा नहीं करेंगे. केवल 5 लोग ही मस्जिदों और ईदगाह में नमाज अदा कर सकेंगे.
मलिक ने कहा जिस तरह मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शब-ए-बारात और शब-ए-कद्र के मौके पर खुद को संयमित रखा था, उसी तरह उन्हें ईद पर भी अपने आपको घर में रहना होगा. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए घर पर ही रह कर नमाज अदा करें.
क्यों कहते हैं मीठी ईद?
ईद-उल-फित्र को मीठी ईद भी कहते हैं, क्योंकि रोजों के बाद ईद-उल-फित्र पर जिस पहली चीज का सेवन किया जाता है, वह मीठी होनी चाहिए. वैसे मिठाइयों के लेन-देन, सेवइयों और शीर खुर्मा के कारण भी इसे मीठी ईद कहा जाता है.
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