‘समकालीन भारत में समानता, न्याय और बंधुत्व से बेहतर भविष्य का निर्माण’ पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मलेन
- आचार्य लोकेश ने ‘समकालीन भारत में धर्म की भूमिका’ विषय पर संबोधित किया
- धर्म का विकास, शांति और सद्भावना से गहरा सम्बन्ध – आचार्य लोकेश
नई दिल्ली : कोंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओबजेकटिव स्टडीज द्वारा ‘समकालीन भारत में समानता, न्याय और बंधुत्व से बेहतर भविष्य का निर्माण’ विषयक त्रिदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि ने संबोधित किया।
आचार्य लोकेश ने विशेष सत्र ‘समकालीन भारत में धर्म की भूमिका’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक आस्थाशील देश है, यहाँ की 125 करोड़ की आबादी किसी न किसी धर्म में आस्था रखती है | यहाँ प्रतिदिन करोडो लोग मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा आदि जाते है | ऐसे में अगर धर्म गुरु सही दिशा निर्देश दे तो बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है | पर्यावरण प्रदूषण और वैचारिक प्रदूषण दोनों ही खतरनाक है | इन दोनों को ख़त्म करने के लिए धर्म गुरु अहम भूमिका निभा सकते है | जो कार्य सरकार करोड़ो रूपए खर्च कर नहीं कर सकती वो धर्म गुरु सहजता से कर सकते है | धर्म जहाँ एक ओर समाज को संगठित करता है वही विकास व समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है |
आचार्य लोकेश ने कहा कि धर्म हमें जोड़ना सिखाता है तोड़ना नहीं| धर्म के मार्ग पर घृणा, हिंसा, नफरत, भय का कोई स्थान नहीं| उन्होंने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलकर किस प्रकार समाज का कल्याण और विकास हो सकता है इसपर विचार करना चाहिए| उन्होंने कहा कि धर्म का विकास से कोई विरोध नहीं है किन्तु भौतिक विकास जब अध्यात्म की नींव आधारित होता है तो वरदान बनता है| उन्होंने कहा कि विकास के केंद्र में चेतना और परिधि में पदार्थ होना चाहिए| भारत के बेहतर भविष्य के लिए आवश्यक है कि समाज के हर वर्ग का सामान रूप से विकास हो | सभी को न्याय मिले, सामान रूप से विकास हो और आपसी भाईचारा बना रहे |
इस अवसर पर इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओबजेकटिव स्टडीज के चेयरमैन डा. एम. मंज़ूर आलम, भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश जगदीश सिंह खेहर एवं ऐ.एम. अहमदी , भारत के पूर्व अल्पसंख्यक मामला मंत्री श्री के.रहमान खान, इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इस्लामिक थोट के महासचिव प्रो. ओमर हसन कसुले, कुवैत से इंटरनेशनल इस्लामिक चैरिटेबल आर्गेनाईजेशन जनरल असेंबली की सदस्य डा. अरौब अल्रिफई, आल इंडिया मिली काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह मुघेसी, सऊदी अरब की इस्लामिक मंत्रालय से डा. अब्दुल्ला अलल्हीदन, आर्य समाज के संस्थापक स्वामी अग्निवेश, इंस्टिट्यूट ऑफ़ हारमनी एंड पीस स्टडीज के संस्थापक डा. एम.डी.थॉमस, आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी | उर्दू अकादमी से डा. यासीन अली उस्मानी, सिख धर्म गुरु बाबा बलजीत सिंह तालवंदी, बौद्ध उपासक संघ के सचिव डा. राहुल दास, इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इण्डिया लखनऊ के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली, प्रो. अफज़ल वाणी ने सम्मेलन को संबोधित किया |