कौन थी वह महिला जिसने सबसे पहले बौद्ध धर्म को ग्रहण किया
ये तो हम सभी जानते हैं कि बौद्ध धर्म की शुरुआत गौतम बुद्ध ने की थी. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि बौद्ध धर्म को ग्रहण करने वाली पहली महिला कौन थी? दरअसल, वो और कोई नहीं बल्कि गौतम बुद्ध की धर्म पत्नी गौतमी थी. गौतमी के बौद्ध धर्म को ग्रहण करने के पीछे एक काफी दिल्चस्प कहानी है.
आइए आपको बताते हैं कि आखिर कैसे गौतम बुद्ध की धर्म पत्नी गौतमी ने बौद्ध धर्म को अपनाने का फैसला किया था..
धर्म ग्रहण करने से पहले गौतम बुद्ध की धर्म पत्नी गौतमी अपने नेत्र खोलकर बुद्ध की ओर निश्चल दृष्टि प्रसारित करते हुए बोलती हैं “स्वामी मैं स्वयं को आपके हाथों में भिक्षा के रूप में समर्पित करती हूँ”. आज तक मैं एक गृहिणी बन कर रही, इस समय मैं मानव मात्र के सेवा-धर्म के लिए अर्पित एक परिव्राजिका हूँ. आप के चरण-चिह्नों पर चलते हुए जीवन-यापन करना मेरा धर्म है. इसलिए आप कृपया नारी समाज के लिए भी बौद्ध संध में समुचित स्थान प्रदान कीजिए.” यह निवेदन करके भक्तिपूर्वक गौतमी ने भगवान बुद्ध के चरणो में प्रणाम किया. इस प्रकार गौतमी बौद्ध धर्म को स्वीकार करने वाली प्रथम महिला थी.
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गौतम बुद्ध की धर्म पत्नी गौतमी को यशोधरा नाम से भी जाना जाता है और आगे चल कर वह एक भिक्षुणी बन गई थी. दरअसल, भिक्षुणी किसी धर्म को अपनाने के बाद की महिला को कहा जाता है जो उस धर्म का पालन भी करती है और उस पर आंच आने से भी उसे बचाती है।