राष्ट्रपति भवन में भव्यता से मनाई गई गांधी जयंती : सफाई के योद्धाओं का सम्मान
- राष्ट्रपति भवन में स्वच्छता के विभिन्न आयामों के साथ मनाया राष्ट्रपिता का जन्मदिन
- भारत के यशस्वी एवं ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 67 राज्यों के स्वच्छता और पेयजल मंत्री, भारत के उच्चाधिकारी, यूनाईटेड नेशन के उच्चाधिकारीगण, यूनिसेफ के पदाधिकारीगण, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के निदेशक, डब्ल्यू एस एस सीसी के प्रतिनिधि एवं विश्व विख्यात संस्थाओं के प्रमुखों ने किया सहभाग
- महात्मा गांधी जी की जयंती के अवसर पर पूज्यस्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा आईये करे संकल्प कि हम सब सफाई, सच्चाई और ऊंचाई के रास्ते पर चले
- पूज्यस्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व लालबहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये
- स्वच्छता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है – पूज्यस्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी
ऋषिकेश, 2 अक्टूबर। आज भारत के साथ पूरा विश्व अपने प्यारे बापू की जयंती मना रहा है। महात्मा गांधी जी ने मन की शुद्धता और पर्यावरण की स्वच्छता को ही पूजा माना। हम महात्मा गांधी जी के 150 वीं जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहे है श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस वर्ष के अंत तक भारत को स्वच्छ भारत बनाने की उद्घोषणा की है। इस सुन्दर स्वप्न को सभी भारतीयों को मिलकर पूरा करना है। वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन को साकार करने के लिये भारत सहित अनेक देशों का सहयोग हमारे साथ है।
आज जब हम महात्मा गांधी जी के 150 वीं जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहे है इस पावन अवसर पर भारत के ऊर्जावान, यशस्वी और तपस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा मातृ शक्ति माता अमृतानंदमयी जी का सम्मान किया जिन्होने स्वच्छता अभियान के लिये सबसे अधिक 100 करोड़ रूपयों का दान किया उनका सम्मान अपार श्रद्धा और आदर के साथ किया गया। माता अमृतानंदमयी जी के द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने उन्हे परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और कुम्भ मेला प्रयाग आने का आमंत्रण दिया तथा साबरमती आश्रम में खादी के धागों से बनी सूत की माला भेंट की जिसे माताजी ने सहर्ष स्वीकार किया।
भारत के राष्ट्रपति भवन में वैश्विक स्तर की विख्यात संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। यह एक ऐसा अवसर था जहां पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सम्पन्न कार्यक्रम सभी के लिये एक प्रेरणा बन सकता है। चार वर्ष की अवधी में आठ करोड़ शौचालयों का बनना और यह आंकड़ा 34 प्रतिशत से 94 प्रतिशत तक पहुंच जाना यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और पर्यावरण के क्षेत्र में सभी के लिये बहुत बड़ी प्रेरणा भी है।
महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन में सहभाग करने हेतु संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो ग्युटेरेस, आध्यात्मिक गुुरू मां अमृतानंदमयी, विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्री सुश्री उमा भारती जी, स्वच्छता एवं पेयजल सविच श्री परमेश्वरन अय्यर जी, कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह पुरी जी, भारत के 67 राज्यों के स्वच्छता एवं पेयजल मंत्री एवं स्वच्छता, शौचालय एवं स्वच्छ पेयजल के क्षेत्र में कार्य रही विश्वविख्यात संस्थाओं के पदाधिकारियों ने सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज भी महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन में उपस्थित थे उन्होने वहां का वातावरण एवं सभी का उत्साह देखकर कहा कि ’’भारत के बदलते तेवर और तैयारियों को देखकर लगता है पूरा विश्व आज भारत के इस नये रूप का दर्शन कर रहा है। महात्मा गांधी जी के 150 वीं जयंती वर्ष में हम प्रवेश कर रहे है उसी परिपेक्ष्य में आज का यह अद्भुत कार्यक्रम है। भारत ही नहीं पूरे विश्व के लोग सफाई, सच्चाई और ऊंचाई के रास्ते पर आगे ब़ढ़े यही हमारे प्यारे बापू को जन्मदिवस का सच्चा उपहार होगा। स्वामी जी ने बापू के कथन ’’स्वच्छता, स्वतंत्रता से भी ज्यादा जरूरी है’’ को दोहराते हुये कहा कि ’’स्वच्छता, हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।’’
स्वामी जी महाराज ने कहा कि बापू का दर्शन कही पुस्तकों में नहीं बल्कि उनका जीवन ही दर्शन है और हर युग के लिये प्रासंगिक और व्यवहारिक है। नैसर्गिक धार्मिकता ही उनके प्राण थे। वे मन और पर्यावरण दोनों की स्वच्छता पर जोर देते थे। गांधी जी राजनीतिक समस्याओं के सम्बंध में आध्यात्मिक और नैतिक मार्ग का समर्थन करते है।
स्वामी जी ने कहा कि गांधी जी ने वैयक्तिक शुद्धिकरण, चरित्र शुद्धिकरण और पर्यावरण शुद्धिकरण पर अत्यधिक बल दिया आईये आज इसे आत्मसात कर गांधी जी के जीवन दर्शन को साकार करे।
इस अवसर पर स्वामी जी महाराज ने वैश्विक स्तर पर स्वच्छ, स्वस्थ एवं हरित धरा के निर्माण का संकल्प कराया एवं शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया जिसे राष्ट्रपति भवन प्रांगण में रोपित किया जायेगा।
इस अवसर पर जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी, आचार्य दीपक शर्मा जी एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।