Post Image

गणेश चतुर्थी : जानिये क्यों दिया था माता पार्वती ने भगवान गणेश को दिव्य मोदक

हर वर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. जैसा कि आप सबको पता है भगवान गणेश माता पार्वती को बहुत ही प्रिय थे. आज हम आपको माता पार्वती और भगवान गणेश से जुड़ी एक कथा ला रहे हैं जिसमें आप जानेंगे माता पार्वती ने भगवान गणेश को दिव्य मोदक क्यों प्रदान किया था. तो चलिए पढ़ते हैं यह कथा.



पौराणिक कथा
पद्मपुराण के अनुसार, प्राचीन काल में माता पार्वती को देवताओं ने एक दिव्य मोदक दिया था जो अमृत से तैयार किया गया था। जैसे ही कार्तिकेय और गणेश ने माता पार्वती के हाथ में मोदक देखा तो वो दोनों अपनी माता से मोदक मांगने लगे। उस समय माता ने दोनों बच्चों को मोदक का महत्व बताया। माता पार्वती ने कहा, तुम दोनों में से जो पहले धर्माचरण के द्वारा श्रेष्ठता प्राप्त कर सभी तीर्थों का भ्रमण कर आएगा उसी को मैं यह मोदक दूंगी। जैसे ही माता पार्वती की सुनी वैसे ही कार्तिकेय ने अपनी सवारी यानी मयूर पर सवार होकर मुहूर्तभर में ही सब तीर्थों का स्नान कर लिया।

यह भी पढ़ें-गणेश चतुर्थी: जानिए कैसे शुरुआत हुयी गणेशोत्सव की

लेकिन गणेश जी का वाहन तो मूषक है ऐसे में उस पर बैठकर वो तीर्थ भ्रमण में असमर्थ थे। तब गणेश जी ने कुछ विचार किया और अपने माता-पिता की श्रद्धापूर्वक परिक्रमा की। इसके बाद वो अपने पिताजी के सम्मुख खड़े हो गए। गणेश जी की सूझ-बूझ देख माता पार्वती ने कहा, सभी तीर्थों में किया हुआ स्नान, यज्ञों का अनुष्ठान, मंत्र-व्रत, सभी देवताओं को किया हुआ नमस्कार, माता-पिता के पूजन के 16वें अंश के बराबर भी नहीं हो सकते हैं। इसलिए गणेश सैकड़ों पुत्रों और सैकड़ों गणों से बढ़कर है। अतः मैं गणेश को यह मोदक देती हूं।



माता-पिता की इस भक्ति को देखकर ही इनकी पूजा किसी भी यज्ञ व अनुष्ठान से पहले की जाती है। साथ ही किसी भी शुभ कार्य से पहले भी इनका नाम लिया जाता है और पूजा जाता है।

[video_ads]
[video_ads2]
You can send your stories/happenings here:info@religionworld.in

Post By Shweta