दक्षिण की काशी पुणे में गायत्री चेतना केन्द्र का हुआ लोकार्पण
हरिद्वार 10 दिसम्बर। सच्चे तीर्थ वह है, जो जनजागृति के केन्द्र हो। यह कथन युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी कई दशक पहले प्रज्ञा संस्थानों के निर्माण के समय कहे थे। युगऋषि के इसी कथन को चरितार्थ करते हुए विश्वभर में चार हजार से अधिक प्रज्ञा संस्थान कार्य कर रहे हैं। इस क्रम में दक्षिण की काशी कही जाने वाली संस्कारी नगरी पुणे में विगत दिनों 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ पाँच मंजिला ऊँचा गायत्री चेतना केन्द्र का लोकार्पण अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने किया।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख ने बताया कि गायत्री चेतना केन्द्र माध्यम से पुणे सहित निकटवर्ती क्षेत्रों के अनेक रचनात्मक व सुधारात्मक गतिविधियों का संचालन होगा। आईटी सेक्टर सहित विभिन्न क्षेत्रों में सेवारत युवाओं में जन जागृति के साथ सांंस्कृतिक बीज बोये जायेंगे। युवाओं के लिए कई कार्ययोजनाएँ चलाई जायेंगी। साथ ही डॉ. पण्ड्या ने नैतिक विकास के विविध पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में औद्योगिक नगरी मुंबई में अश्वमेध गायत्री महायज्ञ होगा। महायज्ञ से मायानगरी में अश्वमेध महायज्ञ मुंबईवासियों में एक नई शक्ति का संचार होगा, जिससे वे आसुरी प्रवृत्तियों के निष्कासन एवं सत्प्रवृत्तियों को अपनाने के लिए प्रेरणादायक का काम करेगा। उन्होंने बताया कि मुंबई के कोने-कोने में शक्ति कलश यात्रा के माध्यम जन जागरण का कार्य किया जा रहा है।