प्रियाकान्तजू मंदिर पर 125 बेटियों को दिया गया ‘प्रियाकान्तजू विद्याधन’
- बेटियों का सम्मान कीजिए इनके त्याग में भगवान बसते हैं – देवकीनंदन ठाकुरजी
- बेटी ही है जो शिक्षा की रोषनी पीढियों तक ले जाती है
- प्रत्येक बेटी को मिले 5100 रूपये
वृन्दावन। बेटियाँ जीवन भर दूसरों के लिये त्याग करती हैं । जन्म लेते ही उन्हें बता दिया जाता है कि उन्हें दूसरे घर जाना है । बंधनों में रहकर भी वह दुख को छुपाती हैं और चिड़िया सी चहकती हैं । परिवार से जितना मिलता है उसे भी बाॅंट देती हैं । विदा होती बेटी जब बाबुल से बिछुड़ती है तो उसका दुख फूट पड़ता है, बेटी क्या होती है परिवार को यह तब अहसास होता है। बेटियों का सम्मान कीजिए इनके त्याग में भगवान बसते हैं।
उक्त विचार प्रियाकान्तजू मंदिर पर ब्रज की 125 बेटियों को षिक्षा के लिये आर्थिक सहायता प्रदान करते हुये धर्मरत्न पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज जी ने प्रकट किये । उन्होने कहा कि बेटी ही है जो शिक्षा के प्रकाष को कई पीढ़ियों तक ले जाती है। आज बेटियों को षिक्षा के लिये धन से ज्यादा समाज की जागरूकता और सहयोग की आवष्यकता है। इन बेटियों ने सहयोग का अवसर प्रदान किया यह संस्था के लिये गौरव की बात है । विष्व शांति सेवा चैरीटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में प्रियाकान्तजू मंदिर पर आयेाजित 108 श्रीमद्भागवत कथा एवं होली महोत्सव में 125 बेटियों को 6 लाख 37 हजार 500 रूपये का सामूहिक चैक सौंपा गया। संस्था जरूरतमंद परिवार की प्रत्येक बेटी को ‘प्रियाकान्तजू विद्याधन’ के रूप में प्रतिवर्ष 5100 रूपये की सहायता प्रदान करती है। यह राशि प्रत्येक बेटी के एकाउन्ट में डाली जायेगी।
कन्या शिक्षा के लिये संस्था ने रखा है 40 लाख का बजट- संस्था सचिव श्री विजय शर्मा जी ने बताया कि वर्ष 2016 में ‘प्रियाकान्तजू मंदिर’ लोकार्पण के समय पूज्य महाराज श्री ने कन्या षिक्षा जागरूकता फैलाने के लिये ब्रज के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से 125 बेटियों को षिक्षा के लिये गोद लिया था । उस समय प्रत्येक बेटी को विद्यालय आवागमन के लिये एक सायकिल और सभी के बैंक एकाउन्ट खुलवाकर षिक्षा सहयोग के लिये 5100 रूपये प्रदान कर योजना का प्रारम्भ किया गया । कन्या षिक्षा के लिये संस्था ने लगभग 40 लाख से ज्यादा बजट रखा है । सहायता का यह चैथा वर्ष है । 125 बेटियों का इसलिये करते हैं चुनाव- मीडिया प्रभारी जगदीष वर्मा ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी पर 125 वर्ष तक रहे थे । इसी सकेंत पर प्रियाकान्तजू मंदिर की ऊँचाई 125 फिट रखी गयी थी।
इसी आधार पर भगवान के प्रत्येक जीवन वर्ष की अराधना स्वरूप उनके ब्रज की 125 बेटियों की सेवा का अवसर संस्था ने प्राप्त किया है। प्रत्येक वर्ष इनकी समीक्षा की जाती है । कुछ बेटियों के विवाह होने, अन्य कारणों से पढ़ाई बन्द करने पर नये बेटियों को अवसर प्रदान किया जाता है।
बेटियों ने दिया धन्यवाद – इस मौके पर सहायता लेनी वाली बेटियों ने पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज जी और संस्था को सहयोग के लिये धन्यवाद देते हुये अपने विचार व्यक्त किये । इस दौरान बेटियों का मनोबल साफ बढ़ा हुआ नजर आया । तारसी की गंगा देवी ने बताया कि वह बीएड कर रही है और संगीत अध्यापिका बनना चाहती है, इसमें संस्था ने बहुत सहयोग मिला है।
देवीपुरा की गौरी इनकम टैक्स ऑफिसर बनना चाहती है तो सपना पुलिस इंस्पेक्टर बनने की तैयारी कर रही है । राया की हेमन्त कुमारी अध्यापक, बाकलपुर की यषोदा शर्मा डाॅक्टर बनकर देष की सेवा करना चाहती हैं ।