United Nations में महिलाओं और लड़कियों के उत्थान एवं जल के संरक्षण हेतु Global Forum का आयोजन
- संयुक्त राष्ट्र संघ में महिलाओं और लड़कियों के उत्थान एवं जल के संरक्षण हेतु ग्लोबल समिट का आयोजन
- पैनल में विभिन्न संस्कृतियों, मानवता, शान्तिपूर्ण और समावेशी समाजों के निर्माण में धार्मिक नेताओं और फेथ आधारित
- संगठनों की भूमिका और उत्तरदायित्व पर हुई विशद चर्चाग्लोबल समिट में भारत से साध्वी भगवती सरस्वती जी ने किया सहभाग
- साध्वी भगवती सरस्वती जी ने महिलाओं के हित में टिकाऊ विकास, नेतृत्व, महिला सुरक्षा पर दिया उद्बोधन
21, नवम्बर, न्यूयार्क/ऋषिकेश। ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने आज UNAOC ग्लोबल शिखर सम्मेलन में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व किया और बड़े ही जोरदार तरीके से महिलाओं एवं लड़कियों के उत्थान हेतु उद्बोधन दिया। इस समिट में विश्व भर से आये विशेषज्ञों ने सहभाग किया। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने महिलाओं के हित में टिकाऊ विकास, नेतृत्व, महिला सुरक्षा एवं जल संरक्षण पर प्रभावकारी उद्बोधन दिया जिसे वहां उपस्थित विशेषज्ञों ने अति सराहा।
इस पैनल में संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत लुईस कैंथ्रो, एच ई श्री एंटोनिओ गुटेरस, यू एन सेके्रटरी जनरल, एच ई नासिर अब्दल अल नासिर, फैसल बिन अब्दुलहमान बिन मुआमामर, सचिव सामान्य किंग अब्दुलह बिन अब्दुल अजी़ज़ इंटरनेशनल सेंटर इंटरनेशनल एंड इंटरकल्चरल डायलाॅग, कायसीड एवं अन्य विश्व प्रसिद्ध महिला नेताओं ने सहभाग किया।
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अपने उद्बोधन में साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि आज दुनिया भर की महिलाओं एवं लड़कियों को ऊपर उठाने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे ताकि वे भविष्य में शान्तिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ सकें। उन्होने कहा कि महिलाओं को कौशल निर्माण एवं अन्य क्षेत्रों में प्रवेश और बढ़ावा देने का समय आ गया है। उन्होने कहा कि हमें महिलाओं के काम करने की स्थान पर बढ़ती असुरक्षा एवं हिंसा के कारणों पर ध्यान देना होगा। साथ ही शान्त और टिकाऊ दुनिया की स्थापना हेतु सर्वप्रथम हमें इस दिशा में एकीकृत कार्यो के लिये सुरक्षित जल, स्वच्छता एवं बेहतर हाइजीन की सुविधायें सुनिश्चित करना होगा।
असुरक्षित विकास, बढ़ती आबादी के कारण प्राकृतिक संसाधनों की कमी के साथ युग्मित परिवर्तन, वैश्विक शान्ति के लिये गंभीर खतरा खड़ा कर सकता है। जल वैज्ञानिकों ने यह भविष्यवाणी की है कि दुनिया का आधा जल वर्ष 2040 समाप्त हो जायेगा जिससे दुनिया म युद्ध, भूखमरी और बड़े पैमाने पर विस्थापन की संभावनायें बढ़ने की आशंका है। वर्तमान में भी पूरी दुनिया मंे बढ़ते संघर्ष और कलह को देखा जा सकता है। कहीं पर प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव बढ़ रहा है जिससे लोग पलायन के लिये मजबूर है। वैसे भी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन किया अब प्राकृतिक संसाधनांे की कमी की वजह से वैसी स्थिति निर्मित हो सकती है।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस वैश्विक स्तर पर सतत विकास के लिये भलीभाँति कार्य कर रहा है ताकि आने वाले गंभीर खतरों का मुकाबला करने और इस हेतु समाधान निकाला जा सके। संयुक्त राष्ट्र ने भविष्यवाणी की थी की अगले विश्वयुद्ध की संभावना जल के संबंध में हो सकती है। इस संकट से निपटने के लिये जीवा ने दुनिया भर के धर्मगुरूओं को एक मंच पर लाकर परिवर्तन को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उन्होने कहा कि आज हमें न केवल हमारे बहुमूल्य जल संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता है बल्कि हमे यह भी सुनिश्चित करना चाहिये की उन्हे साफ एवं स्वच्छ रखा जा सके। साध्वी जी ने कहा कि आज विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर हमें स्वच्छता के महत्व को नहीं भूलना चाहिये। स्वच्छ जल के साथ महिलाओं की सुरक्षा जुड़ी हुयी है। साथ ही शौचालयों की कमी भी एक गंभीर समस्या है। महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और आघात के उदाहरण देखे जा सकते है। आज का प्रमुख मुद्दा है महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा और गरिमा दोनों को सुनिश्चित करना, इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना।
विश्व स्तरीय इस समिट के दूसरे दिन साध्वी भगवती सरस्वती जी ने अपने उद्बोधन में शान्तिपूर्ण विश्व और समाज के निर्माण में धर्मगुरूओं की महत्वपूर्ण भूमिका और उत्तरदायित्व पर विचार व्यक्त किये।
साध्वी जी ने बताया कि ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस अपने अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से व्यापक रूप से कार्य कर रहा है। साथ ही दुनिया भर के विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं को साथ लेकर उनकी प्रेरणा से बेहतर स्वच्छता हेतु सामाजिक परिवर्तन लाने के लिये व्यापक स्तर पर कार्य कर रहा है। उन्होने बताया कि विभिन्न धर्मो के धर्मगुरू मिलकर वाॅटर, सेनिटेशन और हाइजीन के लिये विश्व स्तर पर कार्य कर रहे है जिससे शान्तिपूर्ण समाज का निर्माण किया जा सके। हमारे धर्मगुरू आन्तिरिक और बाह्य शान्ति के निर्माण के लिये सतत प्रयत्न करते है इसलिये हमारा रिश्ता हमारे धर्म से अवश्य होना चाहिये जिससे जीवन में शान्ति आ सके।
ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलासंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज विश्व शौचालय दिवस पर दिये अपने संदेश में कहा कि हम सभी को एक साथ आकर, मिलकर स्वच्छता, स्वास्थ्य, स्वच्छ जल, सुरक्षित दुनिया के निर्माण के लिये कार्य करना होगा। महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का नेतृत्व प्रथम आवश्यकता है।
दो दिवसीय समिट में दुनिया भर के उच्चस्तर के 60 से अधिक प्रसिद्व वक्ताओं ने सहभाग किया प्रमुख रूप से एच ई श्री एंटोनिओ गुटेरस, यू एन सेके्रटरी जनरल, एच ई नासिर अब्दल अल नासिर, उच्च प्रतिनिधि यूएनएओसी, एच ई मारिया फर्नांडो, एस्पीनोसा संयुक्त राष्ट्र महासभा 73 सत्र की अध्यक्ष, कारमेन काल्वो स्पेन की उपप्रधानमंत्री, मेव्लुट केवुसोगलू, तुर्की विदेश मामलों के मंत्री, फैसल बिन अब्दुलहमान बिन मुआमामर, सचिव सामान्य किंग अब्दुलह बिन अब्दुल अजी़ज़ इंटरनेशनल सेंटर इंटरनेशनल एंड इंटरकल्चरल डायलाॅग, कायसीड, रब्बी माइकल, प्रमुख मोसाका धार्मिक शान्ति स्थापनाा केन्द्र, जाॅन कार्डिनल, अब्जा आर्किबिश, नाइजीरिया, रेव विक्टर एच जूनियर, यूआरआई के कार्यकारी निदेशक, डाॅ मोहम्मद एलसनौसी, कार्यकारी निदेशक, डाॅ अजा एम एम करम, संयुक्त सलाहकार, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या फंड (यूएनएफपीए) एवं अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
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