ईसाई धर्म-ग्रंथ बाइबिल के अनुसार, सन 33 ई. को पड़ने वाली पूर्णिमा की तिथि के पहले फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। इसे गुड फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से जाना जाता है।
इस साल, 10 अप्रैल को गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है। इस दिन लोग गिरिजाघरों में जाकर मौन व्रत करते हैं। इसके साथ ही पद यात्रा भी की जाती है। लोग यीशु के प्रतीक क्रॉस को किस करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन गिरिजाघरों में घंटी नहीं बजानी चाहिए। इसके स्थान पर लकड़ी को पीटकर ध्वनि पैदा की जाती है।
होली वीक
प्रभु यीशु का जन्म 6 ई.पू. फिलिस्तीन के शहर बेथलेहेम में हुआ था। इनके माता और पिता दोनों नाज़ेरथ से आकर बेथलेहेम में बस गए थे। यहीं, प्रभु यीशु का जन्म हुआ था।
प्रभु यीशु के जन्म से दो वर्ष पूर्व ही उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। उनका लालन-पालन उनकी माता मरियम ने किया था। हालांकि, प्रभु यीशू के 13 वर्ष से 30 साल तक के जीवन के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
इसके बाद 30 साल की आयु में प्रभु यीशु ने यूहन्ना से दीक्षा हासिल की। इसके बाद धर्म स्थापना में जुट गए।
हालांकि, अंधविश्वास फैलाने वाले धर्म पंडितों ने उनका पुरजोर विरोध किया लेकिन वे जरा सा भी विचलित नहीं हुए। इसके बाद धर्म पंडितों ने राजा पोंटियंस से शिकायत कर प्रभु यीशु को शूली पर चढ़वा दिया।
जिस दिन यीशु को क्रॉस पर चढ़ाया गया था, उस दिन फ्राइडे था। ऐसे में यह दिन गुड फ्राइडे के नाम से जाना गया। प्रभु यीशु को क्रॉस पर चढाने के बाद जब उनकी मृत्यु हो गई तो उन्हें कब्र में दफना दिया गया, लेकिन 3 दिन बाद यानि कि संडे को प्रभु यीशु पुनः कब्र में जीवित हो उठे, जिसे ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है।
कब और कैसे गुड फ्राइडे मनाएं
इस साल 10 अप्रैल को गुड फ्राइडे है। अतः इस दिन प्रभु यीशु को याद करना चाहिए। हालांकि, इस साल पूरी दुनिया कोरोना वायरस से गुजर रही है।
ऐसे में सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घर पर ही पूजा और प्रार्थना करें। अपने सगे-संबंधी और दोस्तों को फोन कर गुड फ्राइडे की महत्व को बताएं और एक निश्चित समय पर सभी लोग एक साथ मौन धारण करें एवं प्रार्थना करें।
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