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गुजरात में लाभ पंचमी 25 अक्टूबर 2017 को मनाई जाएगी

गुजरात में लाभ पंचमी 25 अक्टूबर 2017 को मनाई जाएगी

दिवाली के बाद गुजरात में एक बेहद महत्वपूर्ण पूजा होती है जिसका नाम है लाभ पंचमी। कार्तिक शुक्ल पंचमी को लाभ पंचमी मनाई जाती है। इसे सौभाग्य पंचमी, सौभाग्य लाभ पंचमी या लाभ पंचम भी कहते है। यह पर्व मुख्यतः गुजरात में मनाया जाता है। जहाँ भारत के बाकी हिस्सों में भाई दूज के साथ ही दिवाली का समापन हो जाता है वही गुजरात में दिवाली का समापन लाभ पंचमी की पूजा के साथ होता है। यह त्योहार व्यापारियों और व्यवसायियों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। 

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को लाभ पंचमी मनाई जाती है। तदनुसार इस वर्ष बुधवार 25 अक्टूबर 2017 के दिन लाभ पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव जी एवम गणेश जी के निमित्त व्रत व् उपवास रखने पर भगवान शिव जी की विशेष कृपा बरसती है तथा घर में सुख-शांति का आगमन होता है। जिस मनुष्य को अपने जीवन में सुखी जीवन सूत्र की चाह है। उसे लाभ-पंचमी का व्रत अवश्य करना चाहिए।

जीवन में बेहतर और सुखी जीवन का सूत्र सभी की चाह है. इसलिए हर व्यक्ति कार्यक्षेत्र के साथ पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना रखता है. अत: यह सौभाग्य पंचमी पर्व सुख-शांति और खुशहाल जीवन की ऐसी इच्छाओं को पूरा करने की भरपूर ऊर्जा प्राप्त करने का शुभ अवसर होता है.

इच्छाओं की पूर्ति का पर्व कार्तिक शुक्ल पंचमी, सौभाग्य पंचमी व लाभ पंचमी के रूप में भी मनाई जाती है. यह शुभ तिथि दीवाली पर्व का ही एक हिस्सा कही जाती है कुछ स्थानों पर दीपावली के दिन से नववर्ष की शुरुआत के साथ ही सौभाग्य पंचमी को व्यापार व कारोबार में तरक्की और विस्तार के लिए भी बहुत ही शुभ माना जाता है. सौभाग्य पंचमी पर शुभ व लाभ की कामना के साथ भगवान गणेश का स्मरण कर की जाती है.

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि इस दिन ईश्वर की आराधना से व्यवसायियों और उनके परिवारवालों के जीवन में फायदा और अच्छी किस्मत आती है।लाभ पंचमी को कई इलाकों में सौभाग्य पंचमी या सौभाग्य-लाभ पंचमी भी कहते हैं. जैसा कि नाम से ही जाहिर है- लाभ का मतलब है फायदा और सौभाग्य मतलब अच्छी किस्मत. इसलिए यह दिन अच्छी किस्मत और फायदे से जुड़ा हुआ है.

यह त्योहार व्यापारियों और व्यवसायियों के लिए बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन ईश्वर की आराधना से व्यवसायियों और उनके परिवारवालों के जीवन में फायदा और अच्छी किस्मत आती है |

वर्ष 2017  में लाभ/सौभाग्य पंचमी का शुभ मुहूर्त

सूर्योदय : 25-Oct-2017 06:32 AM

सूर्यास्त : 25-Oct-2017 17:49 PM

पंचमी तिथि आरम्भ होगी : 24-Oct-2017 07:06 AM

पंचमी तिथि का समापन होगा : 25-Oct-2017 09:38 AM

लाभ पंचमी हेतु शुभ पूजा मुहूर्त : 06:32 AM – 10:17 AM

लाभ पंचमी (सौभाग्य पंचमी) महत्व 

लाभ पंचमी (सौभगय पंचमी) के शुभ अवसर पर विशेष मंत्र जाप द्वारा भगवान श्री गणेश का आवाहन करते हैं जिससे शुभ फलों की प्राप्ति संभव हो पाती है. कार्यक्षेत्र, नौकरी और कारोबार में समृद्धि की कामना की पूर्ति होती है. इस दिन गणेश के साथ भगवान शिव का स्मरण शुभफलदायी होता है. ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की  सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभगय पंचमी का व्रत सभी की इच्छाओं को पूर्ण करता है. इस दिन भगवान के दर्शन व पूजा कर व्रत कथा का श्रवण करते हैं.

लाभ/सौभाग्य पंचमी के अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है गणेश मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं. लाभ पंचमी श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है. पंचमी के अवसर पर लोगों ने घरों में भी प्रथम आराध्य देव गजानंद गणपति का आह्वान किया जाता है. भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की और घर परिवार में सुख समृद्धि की मंगल कामना की जाती है.  इस अवसर पर गणपति मंदिरों में भगवान गणेश की मनमोहक झांकी सजाई जाती है जिसे देखने के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती हैं. रात को भजन संध्या का आयोजन होता है.

इसी दिन से शुरू होता है व्यापार

गुजरात में सभी व्यापारी अपना व्यापार लाभ पंचमी के दिन से ही शुरू करते हैं. खास बात यह कि दिवाली के अगले दिन ही गुजराती नववर्ष मनाया जाता है. इस दिन से सभी लोग 5 दिनों की छुट्टी पर चले जाते हैं और लाभ पंचमी के दिन से दोबारा काम-काज शुरू करते हैं.

इसके अलावा नया बही-खाता भी बनाया जाता है जिसकी बाईं ओर शुभ और दाईं ओर लाभ लिखा जाता है. इसके बाद पहले पन्ने के बीच में साहित्य का चित्र बनाकर काम-काज प्रारंभ किया जाता है.

लाभ पंचमी (सौभाग्य पंचमी) पूजन विधि 

लाभ पंचमी पूजन के दिन प्रात: काल स्नान इत्यादि से निवृत होकर सूर्य को जलाभिषेक करने की परंपरा है। लाभ पंचमी के दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठें, स्नान आदि से निवृत होकर सर्वप्रथम भगवान सूर्य देव को जलाभिषेक करें। तत्पश्चात हाथ में पुष्प, अक्षत लेकर व्रत का संकल्प करें। तदोपरांत भगवान शिव जी व् गणेश जी की प्रतिमूर्ति को स्थापित कर पूजा प्रारम्भ करें। एक कलश स्थापित कर उसमें द्रव्य, अक्षत आदि डालकर उसपर आम के पत्ते को अर्पित करें। इस कलश को लाल वस्त्र से ढँकें। तत्पश्चात भगवान शिव जी भस्म, बेलपत्र, धतूरा सफ़ेद अंगोछा अर्पित कर पूजा करें एवम भगवान गणेश जी की पूजा फल, फूल, चन्दन, अक्षत, दूर्वा आदि से करें। भगवान शिव जी को दूध से बने मिष्ठान एवम गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं।

गणेश मंत्र – लम्बोदरं महाकायं गजवक्त्रं चतुर्भुजम्। आवाहयाम्यहं देवं गणेशं सिद्धिदायकम्।।

शिव मंत्र – त्रिनेत्राय नमस्तुभ्यं उमादेहार्धधारिणे। त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:।।

इसके पश्चात मंत्र स्मरण के बाद भगवान गणेश व शिव की धूप, दीप व आरती करनी चाहिए। द्वार के दोनों ओर स्वस्तिक का निर्माण करें तथा भगवान को अर्पित प्रसाद समस्त लोगों में वितरित करें व स्वयं भी ग्रहण करें।

सौभगय पंचमी के अवसर पर मंदिरों में विषेष पूजा अर्चना की जाती है गणेश मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं। लाभ पंचमी के अवसर पर घरों में भी प्रथम आराध्य देव गजानंद गणपति का आह्वान किया जाता है। भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की और घर परिवार में सुख समृद्धि की मंगल कामना की जाती है। इस अवसर पर गणपति मंदिरों में भगवान गणेश की मनमोहक झांकी सजाई जाती है जिसे देखने के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती हैं। रात को भजन संध्या का आयोजन होता है।

जानिए आगामी वर्षो में लाभ पंचमी की शुभ तिथियां

2017 Wednesday, 25th of October

2018 Monday, 12th of November

2019 Friday, 1st of November

2020 Thursday, 19th of November

2021 Tuesday, 9th of November

2022 Saturday, 29th of October

2023 Saturday, 18th of November

2024 Wednesday, 6th of November

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पंडित दयानन्द शास्त्री,

(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)

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