हमारे देश में देवी को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, नवरात्र भी इनमें से एक है। लेकिन लोग सिर्फ दो नवरात्र (चैत्र व शारदीय) के बारे में ही जानते हैं। इनके अलावा दो और नवरात्र भी होते हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। इन्हें गुप्त नवरात्री कहते हैं।
गुप्त नवरात्री माघ और आषाढ़ मास में आते हैं। इस बार माघ मास के गुप्त नवरात्र का प्रारंभ 25 जनवरी 2020 (शुक्रवार) से हो रहा है, जो 3 फरवरी, सोमवार को समाप्त होगी। माघ नवरात्रि के लिए घट स्थापना 25 जनवरी ( शनिवार ) को की जाएगी। घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 09.48 बजे से लेकर 10. 47 बजे तक है। इसके अलावा घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:12 बजे से 12:55 बजे तक है।
शक्ति की उपासना करने वालों के लिए इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्री खास होगी। आगामी 25 जनवरी, शनिवार से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। मालूम हो कि एक साल में चार बार नवरात्रि आती है। इनमें दो सामान्य और दो गुप्त होती हैं। चैत्र-आश्विन मास की में सामान्य और माघ-आषाढ़ में गुप्त नवरात्रि आती है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि माघ मास की गुप्त नवरात्र में वामाचार (तंत्र-मंत्र) पद्धति से उपासना की जाती है। यह समय शाक्त (महाकाली की पूजा करने वाले) एवं शैव ( भगवान शिव की पूजा करने वाले) के लिए विशेष होता है।
इस गुप्त नवरात्र में संहारकर्ता देवी-देवताओं के गणों एवं गणिकाओं अर्थात भूत-प्रेत, पिशाच, बैताल, डाकिनी, शाकिनी, खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना की जाती है। ऐसी साधनाएं शाक्त मतानुसार शीघ्र ही सफल होती हैं। दक्षिणी साधना, योगिनी साधना, भैरवी साधना के साथ पंच मकार (मद्य (शराब), मछली, मुद्रा, मैथुन, मांस) की साधना भी इसी नवरात्र में की जाती है।
गुप्त नवरात्रि पर यह बन रहे योग
ज्योतिषी पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की 24 जनवरी 2020को शनि मकर राशि में 30 साल बाद प्रवेश कर रहा है। मकर, शनि की ही राशि है। पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार अमावस्या शुक्रवार के दिन होने के कारण इस दिन लक्ष्मी प्राप्ति के प्रबल योग बन रहे हैं।इस गुप्त नवरात्र के प्रथम दिन शुक्रवार को श्रवण नक्षत्र और सिद्धि योग में होने के कारण ये नवरात्र भक्तों को मां की विशेष कृपा बनाएंगे।
इन्हीं, नवरात्र के मध्य में चतुर्थ नवरात्र 28 जनवरी को गणेश श्री चतुर्थी व्रत (गौरी तृतीया व्रत) सुख और शांति देने वाला होगा। 29 और 30 जनवरी 2020 को वसंत पंचमी का महासंयोग है। इस दिन सर्वाधिक विवाह संस्कार होंगे।
पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि 30 जनवरी 2020 को मां वागेश्वरी जयंती होगी और एक फरवरी शनिवार को पुत्र सप्तमी व्रत व श्री माधवाचार्य जयंती होगी। रविवार को शुक्ल योग में अष्टमी तिथि के साथ गुप्त नवरात्र की पूर्णता होगी।
हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। इन दिनों में देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। सोमवार, 3 फरवरी 2020 को नवमी तिथि रहेगी।
ये हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूप-
नवरात्रि में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री, इन नौ स्वरूपों की विशेष पूजा अलग-अलग दिन की जाती है।
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क्यों विशेष है माघ की गुप्त नवरात्र?
माघ मास की गुप्त नवरात्री में वामाचार (तंत्र-मंत्र) पद्धति से उपासना की जाती है। यह समय शाक्त (महाकाली की पूजा करने वाले) एवं शैव ( भगवान शिव की पूजा करने वाले) के लिए विशेष होता है।
इस गुप्त नवरात्र में संहारकर्ता देवी-देवताओं के गणों एवं गणिकाओं अर्थात भूत-प्रेत, पिशाच, बैताल, डाकिनी, शाकिनी, खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना की जाती है। ऐसी साधनाएं शाक्त मतानुसार शीघ्र ही सफल होती हैं। दक्षिणी साधना, योगिनी साधना, भैरवी साधना के साथ पंच मकार (मद्य (शराब), मछली, मुद्रा, मैथुन, मांस) की साधना भी इसी नवरात्र में की जाती है।
जानिए कब-कब आती है नवरात्र
हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्र होती है। वर्ष के प्रथम मास अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्र होती है। चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्र होती है। इसके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्र होती है। इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में भी गुप्त नवरात्र मनाने का उल्लेख एवं विधान देवी भागवत तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।
अश्विन मास की नवरात्र सबसे प्रमुख मानी जाती है। इस दौरान गरबों के माध्यम से माता की आराधना की जाती है। दूसरी प्रमुख नवरात्र चैत्र मास की होती है। इन दोनों नवरात्रियों को क्रमश: शारदीय व वासंती नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है।
आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्र गुप्त रहती है। इसके बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होती। इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहते हैं। गुप्त नवरात्र विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय है। साधक इन दोनों गुप्त नवरात्र में विशेष साधना करते हैं और चमत्कारी शक्तियां प्राप्त करते हैं।
गुप्त नवरात्रि का स्थापना मुहूर्त
शनिवार, जनवरी 25, 2020 को घट स्थापना मुहूर्त – प्रातः 09:48 से 10:47 तक
अवधि – 00 घण्टे 59 मिनट
घट स्थापना अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12:12 से 12:55 तक
अवधि – 00 घण्टे 43 मिनट
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – जनवरी 25, 2020 को प्रातः 03:11 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – जनवरी 26, 2020 को प्रातः 04:31 बजे
माघ मास 2020 की गुप्त नवरात्रि की पूरी तिथियां-
1- प्रतिपदा तिथि – 25 जनवरी 2020 दिन शनिवार
घटस्थापना, कलश स्थापना, शैलपुत्री पूजा
2- द्वितीया तिथि – 26 जनवरी 2020 दिन रविवार
ब्रह्मचारिणी पूजा
3- तृतीया तिथि – 27 जनवरी 2020 दिन सोमवार
ब्रह्मचारिणी पूजा
4- तृतीया तिथि – 28 जनवरी 2020 दिन मंगलवार
चंद्रघंटा पूजा
5- चतुर्थी तिथि – 29 जनवरी 2020 दिन बुधवार
कुष्मांडा पूजा
6- पंचमी तिथि – 30 जनवरी 2020 दिन गुरुवार
स्कंदमाता पूजा
7- षष्ठी तिथि – 31 जनवरी 2020 दिन शुक्रवार
कात्यायनी पूजा
8- सप्तमी तिथि – 1 फरवरी 2020 दिन शनिवार
कालरात्रि पूजा
9- अष्टमी तिथि – 2 फरवरी 2020 दिन रविवार
महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी पूजा, संधि पूजा
10- नवमी तिथि – 3 फरवरी 2020 दिन सोमवार
सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पारण, नवरात्री हवन