हरिद्वार, 18 फरवरी; हर बार की तरह इस बार भी ज्वालापुर का मुस्लिम समाज हरिद्वार कुंभ में जूना अखाड़ा की पेशवाई का परंपरागत तरीके से स्वागत करेगा.
बुधवार को पेशवाई की व्यवस्थाओं का जायजा लेने ज्वालापुर पहुंचे जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि से ज्वालापुर के मुस्लिम जनप्रतिनिधियों ने मुलाकात की.
जूना अखाड़ा की पेशवाई चार मार्च को निकलेगी. हरिद्वार कुंभ में जूना अखाड़ा की पेशवाई ज्वालापुर के पांडेवाला से शुरू होती है. मिश्रित आबादी वाले ज्वालापुर में मुस्लिम बड़ी संख्या में निवास करते हैं. सदियों से मुस्लिम समुदाय के लोग कुंभ में निकलने वाली पेशवाईयों का स्वागत करते हैं. संतों पर पुष्प वर्षा कर उनका सत्कार किया जाता है.
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री व जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज स्वागत परंपरा को सहर्ष स्वीकार किया.
श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से मुलाकात करने वालों में मुस्लिम समाज की तरफ से पूर्व दर्जाधारी फुरकान अली एडवोकेट, मंडी समिति के पूर्व उपाध्यक्ष अरशद ख्वाजा, हाजी सद्दीक गाड़ा सहित अलग-अलग दलों से जुड़े जनप्रतिनिधियों शामिल रहे.
इस मौके पर पार्षद रियाज उर्फ मन्नू, जफर अब्बासी, तहसीन अंसारी, शाहनवाज कुरैशी, अथर अंसारी, आबाद कुरैशी, राशिद अली, सलमान, वसीम आदि मौजूद रहे.
पेशवाई मार्ग का निरीक्षण | ज्वालापुर के मुस्लिम
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी ने सिद्धपीठ गुघाल मंदिर पांडेवाला पहुंचकर पेशवाई मार्ग का निरीक्षण किया. प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार कुंभ मेले में संत महापुरुषों, नागा संन्यासियों के ठहरने की व्यवस्था गुघाल मंदिर के प्रांगण में होती है. गुघाल मंदिर से ही संत पेशवाई के रूप में जूना अखाड़े के लिए रवाना होते हैं. पेशवाई के उपनगरी ज्वालापुर के सभी समुदायों द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है.
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