हरिद्वार, 1अप्रैल; हरिद्वार कुंभ मेला आज यानि 1 अप्रैल से विधिवत आरम्भ हो चुका है. कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कुंभ मेला 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक यानी महीने भर ही चलेगा. सामान्य परिस्थितियों में कुंभ मेला चार महीने तक चलता है.
कुंभ मेला अवधि में होंगे तीन शाही स्नान
इस बार कुंभ मेला अवधि में तीन शाही स्नान और दो पर्व स्नान होंगे. कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य किया गया है. इधर, अखाड़ों ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. दो अप्रैल से अखाड़ों में धर्मध्वजा लगाने और पेशवाई निकालने का दौर भी शुरू हो जाएगा. सात अखाड़ों की पेशवाई निकाली जा चुकी है, अभी छह और अखाड़े पेशवाई निकालेंगे.
शाही स्नान और पर्व स्नान की तिथियां
12 अप्रैल – सोमवती अमावस्या
14 अप्रैल – वैशाखी
27 अप्रैल – चैत्र पूर्णिमा
13 अप्रैल – चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
21 अप्रैल – राम नवमी
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क्या है गाइडलाइन्स
नैनीताल उच्च न्यायालय और राज्य सरकार की ओर से कुंभ मेला के लिए जारी एसओपी के अनुसार कुंभ मेला के दौरान हरिद्वार आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे के अंतराल की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है. इसके बिना किसी को भी हरिद्वार में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. इसके लिए मेला अधिष्ठान ने बुधवार से ही सीमाओं पर जांच शुरू कर दी है. बगैर जांच रिपोर्ट के हरिद्वार आने वाले लोगों को सीमावर्ती इलाकों से वापस भेजा जा रहा है. सभी चेक पोस्ट पर अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है. सीमा पर कोराना जांच की भी व्यवस्था की गई है.
शाही स्नान के लिए अखाड़ों का क्रम तय
12 अप्रैल और 14 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान के लिए अखाड़ों का क्रम भी तय कर दिया गया है. निरंजनी अखाड़ा सबसे पहले स्नान करेगा. जबकि निर्मल अखाड़ा सबसे आखिर में स्नान करेगा. इन दोनों शाही स्नानों में सभी 13 अखाड़ों के संत-महात्मा और नागा संन्यासी पूरे वैभव के साथ स्नान करेंगे. अन्य किसी को इस दौरान हरकी पैड़ी पर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पर्व स्नान में इस तरह की पाबंदी नहीं होगी.
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