Post Image

हरियाली तीज: जानें किसने रखा था सबसे पहले हरियाली तीज का व्रत

हरियाली तीज सावन महीने का महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत मायने रखता हैं। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस वर्ष हरियाली तीज 23 जुलाई दिन बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। इस दिन सुहागने मां गौरी की पूजा करती हैं।



आइए जानते हैं कि सबसे पहले हरियाली तीज का व्रत किसने रखा था और क्यों मनाया जाता है, यह त्योहार क्या हैं, इससे जुड़ी परंपराए..

हरियाली तीज का व्रत सर्वप्रथम राजा हिमालय की पुत्री पार्वती ने रखा था। कहा जाता है जिसके फलस्वरुप उन्हें शंकर जी स्वामी के रुप में प्राप्त हुए। इसलिए हरियाली तीज पर कुंवारी लड़कियां व्रत रखती हैं। और अच्छे वर की प्राप्ति के लिए माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं। सुहागनें इस दिन उपवास रखकर माता पार्वती और शिव जी से सौभग्य और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं।

यह भी पढ़ें-नागपंचमी – मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

कहा जाता है कि हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने पार्वती जी को पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया। मान्यता है कि इस दिन जो भी कन्या पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखती है उसके विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

हरियाली तीज का व्रत
इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। और विधि-विधान से माता पार्वती और शिव जी की पूजा करती हैं। और कथा सुनती हैं। कथा समापन के बाद महिलाएं मां गौरी से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है और भजन व लोक गीत गाए जाते हैं। यह व्रत करवा चौथ से भी ज्यादा कठिन होता है। महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन और जल के ग्रहण किए रहती हैं, और दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत का पारण करती हैं।



परंपरा
इस दिन हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरी चूड़ीयां, सोलह श्रृंगार , मेहंदी, झूला-झूलने की परंपरा भी है। इस दिन लड़कियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां आती हैं। नवविवाहिताओं के लिए बहुत खास होता है। लोग गीत गाए जाते हैं।

[video_ads]
[video_ads2]

You can send your stories/happenings here:info@religionworld.in

Post By Shweta