भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी इस वर्ष 21 अगस्त को हरतालिका तीज मनाई जाएगी।
दरअसल, भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। हरतालिका तीज व्रत कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। हरतालिका तीज व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हरियाली तीज और कजरी तीज की तरह ही हरतालिका तीज के दिन भी गौरी-शंकर की पूजा की जाती है। हरतालिका तीज का व्रत बेहद कठिन है। इस दिन महिलाएं 24 घंटे से भी अधिक समय तक निर्जला व्रत करती हैं। यही नहीं, रात के समय महिलाएं जागरण करती हैं और अगले दिन सुबह विधिवत्त पूजा-पाठ करने के बाद ही व्रत खोलती हैं।
मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत करने से सुहागिन महिला के पति की उम्र लंबी होती है, जबकि कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में इस व्रत को “गौरी हब्बा” के नाम से जाना जाता है। लेकिन इस बार जन्माष्टमी की ही तरह हरतालिका तीज की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।
हरितालिका तीज पूजा मुहूर्त
प्रातः 05: 54 से प्रातः 08:30 मिनट तक।
शाम को हरितालिका तीज पूजा मुहूर्त
शाम 06:54 मिनट से रात 09: 06 मिनट तक।
तृतीया तिथि प्रारंभ
21 अगस्त की रात्रि 02:13 मिनट से।
तृतीया तिथि समाप्त
22 अगस्त रात्रि 11:0 2 मिनट तक।
[video_ads]
[video_ads2]
You can send your stories/happenings here:info@religionworld.in