दिल्ली, 11 मई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस की धर्म-आधारित मैपिंग संबंधी सभी समाचार निराधार हैं। कोरोनावायरस के फैलने का नस्ल, धर्म, क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है। इसका फैलाल केवल एहतियात नहीं बरतने के कारण होता है। मीडिया, सोशल मीडिया और कई जगहों पर ऐसी चर्चा चल निकली थी कि सरकार कोरोना के पीड़ित लोगों की पहचान का काम धर्म के आधार पर करने का विचार कर रही है। आज की स्वास्थय मंत्रायल की प्रेस कांफ्रेस में इसी पूरी तरह से साफ करके ऐसे किसी प्रस्ताव से इंकार कर दिया गया।
It is a very irresponsible news; #COVID19 does not affect a particular religion or a race or an area: @mohfw_india on certain media reports claiming that government is mulling religion based mapping of hotspots pic.twitter.com/5TlyppwNPe
— PIB India (@PIB_India) May 11, 2020
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#PIBFactCheck
Myth: @TheAsianAgeNews reports Centre is "mulling" a religion-based mapping to identify #COVID19India hotspotsReality: The claim is incorrect. Spokesperson @MoHFW_INDIA has termed it irresponsiblehttps://t.co/dSIqul4NeE pic.twitter.com/rFweCswlKe
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 11, 2020
देश में जब संक्रमण का मामला शुरू हुआ तभी तबलीगी जमात का मामला आया था और पूरे देश में कोरोना संक्रमण के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया जाने लगा था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में इलाज के बाद अभी तक कुल 20,917 लोग कोरोनावायरस से संक्रमण मुक्त हुए हैं, कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 31.15 प्रतिशत है, पिछले 24 घंटे में 1,559 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 67,152 हो गई है.