श्री हेमकुण्ड साहिब की यात्रा के लिये जत्था रवाना
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और केन्द्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी जी ने झण्डी दिखाकर श्री हेमकुण्ड साहिब की यात्रा के लिये जत्था किया रवाना
- जत्थेदारों को दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने यात्रा के दौरान स्वच्छता को अंगीकार करने एवं प्लास्टिक का उपयोग न करने का कराया संकल्प
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज व केन्द्रिय मंत्री हरदीप सिंह पुरी जी की हुई भेंटवार्ता
- विकास करे पर विनाश के बल पर नहीं-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 22 मई। गुरूद्वारा श्री हेमकुण्ड साहिब, ऋषिकेश से आज श्री हेमकुण्ड साहिब के लिये जत्था रवाना हुआ। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता और ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी जी ने श्री हेमकुण्ड साहिब यात्रा जाने वाले जत्थे को झण्डी दिखाकर रवाना किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा, ’’जीवन एक यात्रा है और इस यात्रा में श्री हेमकुण्ड साहिब की यात्रा करना अपने आप में परम सौभाग्य है। श्री हेमकुण्ड साहब जहां पर सच्चे बादशाह श्री गुरूगोविंद सिंह जी ने साधना की; तपस्या की और अपना जीवन पूरे समाज की रक्षा के लिये और धर्म की रक्षा के लिये समर्पित किया। श्री गुरूगोविंद सिंह जी की मिशाल अपने आप मंे अनोखी मिशाल है जिन्होने अपने पुत्रों को भी देश की रक्षा के लिये; धर्म की रक्षा के लिये बलिदान कर दिया। उन्होने देश, धर्म और समाज की रक्षा के लिये अपने पिता का, माता का, पुत्रों का और फिर स्वयं का भी बलिदान कर दिया और हमेशा-हमेशा के लिये एक इतिहास लिख गये; एक नजीर दे गये लोगों को।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि आजकल ’’स्मार्ट शहरों’’ की बात हो रही है तो इसी तरह ’’ग्रीन स्पिरिचुअल’’ सेन्टर भी खोले जाये वहां के सभी महोत्सव, उत्सव, सभी कार्यक्रम पर्यावरण मित्र हो वहंा पर सोलर ऊर्जा संयत्र हो, जैविक वातावरण, कचरे का सुचारू नियंत्रण, प्लास्टिक का निषेध हो इस प्रकार के हरित आध्यात्मिक सेन्टरों का निर्माण किया जाये। स्वामी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर जल्दी ही सभी धर्माचार्यों की दिल्ली में बैठक होने वाली है जिसमें हरित गुरूद्वारा, हरित मन्दिर, हरित चर्च और हरित मस्जिदों का निर्माण किया जाये इस पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है ताकि उन स्थानांे से हरियाली, खुशहाली और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाये।
पूज्य स्वामी जी महाराज ने यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को संदेश दिया कि गुरूवाणी मंे जल को पिता का, वायु को गुरू का और धरती को माँ का दर्जा दिया गया। उन्होने कहा कि आज यह जत्था उसी धरती पर जा रहा है जहां पर श्री गुरूगोविंद सिंह जी ने साधना की, उसी सरोवर के तट पर जहां उन्होने विचरण किया आज आप सभी उस धरती पर जायेंगे, दर्शन करेंगे, रहेंगे और कुछ पल बितायेगे अतः उस पवित्र स्थान से हम एक संकल्प लेकर लौटे। गुरूवाणी ने जिसका जिक्र इतने महत्व देकर किया है उसे हम प्रदूषित नहीं करंेेगे, धरती माँ को जल विहिन नहीं करेंगे। उन्होने कहा कि धरती पर जल का स्तर घटता जा रहा है, एक समय था जब लगभग 10-12 फुट खोदने पर ही जल निकल आता था और आज 500 फुट खोदने पर भी जल नहीं है यह अत्यंत चिंता का विषय है इसलिये हम सब का कर्तव्य बनता है कि यात्रा तो करे साथ ही उस पवित्र स्थान पर गुरू महाराज के चरणों में ही संकल्प लें की शहरों में, गावों में, स्कूलों में, मोहल्लों में और उद्यानों में वृक्षारोपण अभियान चलायें। स्वामी जी ने कहा कि विकास करे पर विकास, विनाश के बल पर न हो इसका विशेष ध्यान रखे।’’
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी जी के मध्य शहरों के सौन्दर्यीकरण, खुले में शौच से मुक्त गावों एवं शहरों का निर्माण, कूड़े का नियंत्रण एवं कूड़ादान के उपयोग पर चर्चा की।
स्वामी जी महाराज ने सभी जत्थेदारों को जल एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री सरदार त्रिलोचल सिंह जी, हेमकुण्ड साहिब गुरूद्वारा समिति के प्रबंधक सरदार ईश्वर सिंह जी, अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन श्री बिन्द्रा जी, हेमकुण्ड साहिब गुरूद्वारा समिति के ट्रस्ट के चेयरमैन, निर्मल आश्रम से संत श्री जोधासिंह जी महाराज, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल जी, खटिमा विधायक श्री पुष्कर धामी तथा अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।