भारत में होली मनाने की अनोखी परंपरा हैं, यहां अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग अंदाज में होली का पर्व मनाया जाता है. देश के विभिन्न राज्यों में होली की अनोखी परंपरा है.
मथुरा, वृंदावन और बरसाने की होली के बारे में तो सबने ही सुना है. यहाँ की होली भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है. यहां होली खेलने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. ऐसे ही भारत के अन्य राज्यों में भी अलग ही अंदाज में होली खेली जाती है. चलिए आज आपको बताते हैं अन्य राज्यों की होली की अनोखी परंपरा के बारे में.
राधा-कृष्ण की होली
उत्तर प्रदेश में खेली जाने वाली होली फाग और लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है. यहां मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल और बरसाने की होली की अलग ही धूम रहती है. बरसाने की होली में तो पूरा ब्रज रंगीला हो जाता है. इसकी शुरुआत सोलहवीं शताब्दी से हुई थी। यहां होली खेलने के साथ लोकगीत होली गाया जाता है.
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घोड़ी पर निकाली जाती है बारात
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की होली पूरे देश में चर्चित है. यहां पहले दिन होलिका दहन होता है, वहीं दूसरे दिन धुलंडी खेली जाती है. राजस्थान में फाल्गुनी माह में मनाई जाने वाली होली का अलग ही मजा है. यहां रंग-धमाल के बीच राजस्थानी लोकनृत्य काफी पसंद किया जाता है.
राजस्थान के सीकर जिले के कांवट की होली तो अजब-गजब देखने को मिलती है. यहां शेखावाटी की धरा पर कई लुभावनी परम्पराएं संस्कृति का जीवंत परिचय देती है. कांवट में अनेक कलाकार स्वांग रचाकर लोगों का भरपूर मनोरंजन करते है.
इस स्वांग मे एक युवा को दुल्हे की तरह सजाकर पीछे की ओर मुंह करके घोड़ी पर बैठाया जाता है. बाद मे बैण्ड-बाजे के साथ दूल्हे की बिंदौरी निकाली जाती है. यह बिंदौरी गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए सैनी मोहल्ले मे चल रहे ख्याल मे पहुंचती है. बाद में दूल्हे की मंच पर शादी करवाई जाती है. शादी के दौरान की हंसी-ठिठौली को देखकर लोग हंस-हंसकर लोटपोट हो जाते है.
फाल्गुन पूर्णिमा और रंग पंचमी की होली
इस तरह गुजरात, महाराष्ट्र में होली का त्योहार कई तरीकों से मनाया जाता है. यहां होली को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है. महाराष्ट्र में होली को फाल्गुन पूर्णिमा और रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है. इस तरह गुजरात में गोविदां होली की खासी धूम रहती है.
मणिपुर व असम की होली
मणिपुर का योसंग त्योहार को होली उत्सव कहते हैं। यह उत्सव 6 दिन तक चलता है. इस दौरान पारंपरिक खानों का आनंद लिया जाता है. असम में होली को डोल जात्रा के रूप में मनाया जाता है. यहां दो दिन तक होली मनाई जाती है.
कामन पोडिगई
तमिलनाडु में होली कामदेव के बलिदान के रूप में मनाया जाता हैं. यहां होली को कामन पोडिगई भी कहा जाता है. इस तरह कर्नाटक में होली को कामना हब्बा के रूप में मनाने की परंपरा है.
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