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योग : तनाव दूर करना है तो कीजिये यह चार योगासन

योग : तनाव दूर करना है तो कीजिये यह चार योगासन

आधुनिक युग की इस भागती दौड़ती ज़िन्दगी में लोगों के ऊपर काम का दबाव इतना ज्यादा है कि आये दिन वह तनाव से घिरे रहते हैं.  यह तनाव न तो उन्हें आराम करने देता है और न ही इससे उबरने के लिए उनके पास समय है. लेकिन योग एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये आप अपने तनाव को दूर कर हल्का महसूस कर सकते हैं. तो चलिए आज आपको हम तनाव दूर करने के लिए कुछ योग आसन की जानकारी देते हैं-

उत्तरासन

उत्तरासन को कैमल पोज़ भी कहते हैं. ऐसा इसलिए क्यूंकि इस आसन में शरीर की मुद्रा ऊँट जैसी होती है. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों के साथ सीधे खड़े हो जाएं. अपने कंधों के ऊपर अपने हाथ उठाएं और धीरे से अपने शरीर को ऊपर की तरफ खींचे. फिर, अपने धड़ को जमीन की तरफ घुमाएं. अपने घुटनों को सीधे रखें. आप अपने हथेलियों को जमीन पर (अपने पैरों के सामने या उनके बगल में) रखें. अगर आपको इसे करने में किसी तरह की मुश्किल हो रही है, तो अपने हाथों से अपनी कोहनी पकड़ें. अपनी एड़ी को फर्श में दबाएं और अपने सिर और छाती को अंदर रखें. अब, जैसे ही आप श्वास लेते हैं, अपने सामने के धड़ को थोड़ा खींचे और ऊपरी शरीर पर ज़ोर देते हुए सांस छोड़े. लगभग 30 सेकंड तक पॉज़ रखें, रिलीज करें और फिर धीरे-धीरे खड़े हो जाएं.

सावधानी बरते

आप ये योगासन सोने से तुरंत पहले न करे. आप इन्हे शाम को एक खाली पेट में डिनर खाने से पहले ही करें. इसके अलावा, आप सोने से पहले आपको अपनी इंद्रियों को शांत करने और शांति से सोने के लिए अपनी सांस पर 5 मिनट तक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.

बद्ध कोणासन

इस आसन को बटरफ्लाई पोज या कोब्लर पोज भी कहा जाता है. इसके अभ्यास के लिए सबसे पहले सीधे हो कर बैठ जाएँ और अपने पांवों को स्ट्रैच करें.अब सांस लेते हुए अपने घुटनों को इस प्रकार से मोड़ें की आपकी एड़ी आपके पेल्विस की दिशा में चली जाए. इस दौरान आप अपनी एड़ियों को अपने पेल्विस के जितना ज्यादा करीब ला सकते हैं ले कर आएं. इसके बाद अपने हाथ के अंगूठे तथा पहली अंगुली का उपयोग करते हुए अपने पांव के अंगूठे को पकड़ लें. इस दौरान ध्यान दें की अपने पांवों के बाहरी किनारों को फर्श पर दबा दें. जब आप इस मुद्रा में अपने आप को सहज महसूस करने लग जाएँ तो इस दौरान जल्दी से जांच लें कि क्या आपकी प्यूबिस तथा टेलबोन जमीन से समान दूरी पर अवस्थित हों. आपकी पेल्विस बिलकुल सामान दूरी पर होनी चाहिए और पेराइनम फर्श के बिलकुल पैरेलल होना चाहिए. इस दौरान आपके कंधे तथा कमर बिलकुल सीधे होने चाहिए. हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि आपके घुटने फर्श की ओर ना झुकने पाए. अब अपने जांघ की हड्डियों को फर्श से टच करवाने का प्रयास करें. इस मुद्रा में 1 से 5 मिनट तक के लिए बने रहें. अब सांस लेते हुए अपने घुटनों को उठाएं और पैरों को फैलाएं. इस आसान का अभ्यास नियमित तौर पर करें.

सावधानी बरतें-

शाम को इसका अभ्यास करने से पहले इस बात का ख्याल रखना चाहिए की आपने आसन करने से पहले कम से कम 4 घंटे तक कोई आहार ना लिया हो. आम तौर पर कोई भी योग करने से पहले पेट का खाली होना जरुरी होता है अतः आसन करने तक आपका भोजन पूरी तरह से पच जाना चाहिए.

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पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन योग देखने में थोड़ा कठिन लगता है. लेकिन धीर धीरे प्रैक्टिस करने पर इसको आप आसानी से कर सकते हैं. सबसे पहले आप जमीन पर बैठ जाएं. अब आप दोनों पैरों को सामने फैलाएं. पीठ की पेशियों को ढीला छोड़ दें. सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर लेकर जाएं. फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके. आप कोशिश करते हैं अपने हाथ से उँगलियों को पकड़ने का और नाक को घुटने से सटाने का. धीरे धीरे सांस लें, फिर धीरे धीरे सांस छोड़े और अपने हिसाब से इस अभ्यास को धारण करें. धीरे धीरे इस की अवधि को बढ़ाते रहे. यह एक चक्र हुआ. इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें.

सावधानी बरतें-

पश्चिमोत्तानासन उनको नहीं करनी चाहिए जिनके पेट में अल्सर की शिकायत हो. ध्यान रहे, इस योग को हमेशा खाली पेट ही करनी चाहिए.शुरुवाती दौड़ में इस आसन को करते समय जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. इस आसन को झटके के साथ कभी भी न करें.अगर आपके आंत में सूजन हो तो इसका अभ्यास बिल्कुल न करें. कमर में तकलीफ हो तो इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए. .

दंडासन

दंडासन, योग मुद्रा का एक सरल आसन है. इसे अंग्रेजी में “स्टाफ पोज़” के नाम से भी जाना जाता हैं. दंडासन को करने के लिए आप सबसे पहले योगा मेट को फर्श पर बिछा के उस पर बैठ जाएं. दोनों पैरों को अपने शरीर के आगे फैलाएं और दोनों को पास-पास रखें. दोनों पैरों की उंगलिया आपकी ओर झुकी और खिची रहें. अपनी जांघों और एड़ी को फर्श में दबाएं. अपने दोनों हाथों को सीधे और हथेलियों को जमीन पर रखें. हाथ दोनों कूल्हों के पास में रहने चाहिए.अपनी रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा रखें. अपनी छाती को ऊपर उठाएं और अपने कॉलरबोन को फ़ैलाने के लिए अपने कंधों को थोड़ा सा खींचें. सामने की ओर देखे और अपनी साँस को सामान्य रखें. आप इस दंडासन को 20 सेकंड से एक मिनिट तक करते रहें. आप इस आन को अपनी क्षमता के अनुसार भी कर सकते हैं इससे कोई हानि नहीं होती हैं. फिर इस आसन से वापस आयें.

सावधानी बरतें

यदि आपकी पीठ के निचले हिस्से में और कलाई में दर्द हैं तो आप इस आसन को ना करें. वैसे तो यह काफी सरल मुद्रा हैं पर योग प्रशिक्षक की देखरेख में करना सर्वोत्तम है. योग आसन को अपनी क्षमता से अधिक करने का प्रयास ना करें, उतना ही करें जितना सहन हो सकता हैं. दंडासन शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।

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Post By Religion World