फिलिस्तीन में भारतीय संस्कृति का परचम पहराकर लौटी प्राची
- केन्द्रीय खेल मंत्रालय की ओर से चयनित दल में शामिल थी देसंविवि की छात्रा
हरिद्वार 2 अक्टूबर।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग से फिलिस्तीन दौरे पर गयी कु. प्राची अग्रवाल विश्वविद्यालय लौट आयी।युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार की ओर से चयनित तीस सदस्यों के दल में देसंविवि की कु. प्राची ने महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की।
लौटने के बाद चर्चा करते हुए कु. प्राची ने बताया कि प्रथम दिन वहाँ के भौगोलिक एवं सांस्कृतिक तत्वों से दल को परिचित कराया गया।इससे टेक्नोपार्क, सांस्कृतिक स्थलों के साथ-साथ शैक्षणिक स्थलों को भी समझने का अवसर मिला
भारतीय युवा दल केसाथ जिज्ञासा संबंधी विशेष गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें भारतीय युवाओं ने मेजबान युवाओं की भारतीय संस्कृति एवं ऋषि प्रणीतसंस्कार परंपरा से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान किया। वहीं मेजबान युवाओं ने अपने देश की मूल संस्कृति से इन्हें अवगत कराया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एक दूसरे की संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत एवं अन्य नए-नए आयामों से एक दूसरे को परिचितकराना था। मुस्लिम आबादी होते हुए भी यहाँ भारतीय दल का बहुत सम्मान किया गया कृषि संबंधी कार्यो में वहाँ बहुत रचनात्मक कार्यहो रहे हैं और आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर कम पानी वाले क्षेत्रों में भी वे अच्छी पैदावार कर लेते हैं।
भारतीय संस्कृति का प्रचार
प्रसार कर लौटने पर प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि एक दूसरे कोसमझने का सबसे उचित माध्यम संस्कृतियों का आदान-प्रदान है। प्रतिकुलपति जी ने संस्कृति के आदानप्रदान पर एक प्रोजेक्ट बनाने एवंअपने अनुभवों को बाँटने हेतु प्रस्तुतिकरण के लिए प्रोत्साहित किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. अरूणेश पाराशर के अनुसारएक्वेसी में प्राची द्वारा प्रस्तुत संास्कृतिक कार्यक्रम ने सभी को आकर्षित किया। उपस्थित मेजबान युवाओं ने देवभूमि व देसंविवि कीझलक झांकी से अभिभूत दिखाईर् दिये और देवभूमि व देवसंस्कृति विवि को जानने समझने के लिए आने की इच्छा प्रकट की है।डॉ. पाराशर ने बताया कि विशेष प्रस्तुति के लिए विवि की छात्रा प्राची को एनएसएस के डायरेक्टर ने भी सम्मानित किया।