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वाराणसी में मिला भारत का सबसे पुराना शिव मंदिर

बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय के  पुरातत्व विभाग  की टीम को खुदाई में बड़ी सफलता हासिल हुई है. खुदाई के दौरान  काशी के सबसे प्राचीन शिवलिंग और शिव मंदिर के संकेत मिले हैं.



वाराणसी के पंचकोशी मार्ग पर बसे बभनियाव गांव में लॉकडाउन से पहले बीएचयू की पुरातत्व विभाग की टीम ने खुदाई शुरू की थी. लॉकडाउन से पूर्व उस स्थान पर जटाधारी शिवलिंग मिला था. लॉकडाउन के बाद हुई खुदाई में अब वहां से एक प्राचीन शिव मंदिर उभर कर सामने आया है. पुरातत्व विभाग की टीम इसे तीसरी शताब्दी से जोड़कर देख रही है.

वाराणसी में मिला भारत का सबसे पुराना शिव मंदिर शिव मंदिर में जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से वास्तु आधारित है. ट्रेंच की लंबाई-चौड़ाई बढ़ाकर प्राचीन और प्रारंभिक शिव मंदिर के पूर्ण स्वरूप को जानने का प्रयास किया गया. जिसके बाद उत्खनन में अधिष्ठान का प्रमाण मिला, जो कि प्रारंभिक दौर के मंदिरों की विशेषता प्रदर्शित करता है.

मालूम पड़ता है कि यहां एक ऊंचे अधिष्ठान पर गर्भ गृह का निर्माण कराकर शिवलिंग स्थापित किया गया होगा. ऐसा बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति और पुरातत्व विभाग की टीम को संकेत मिल रहे हैं. अब तक काशी में नगवा के कर्मदेशवर महादेव मंदिर को सबसे प्राचीन शिव मंदिर बताया जाता है, जो कि 10 वीं शताब्दी का माना जाता है. जबकि बभनियाव गांव में जो शिव मंदिर सामने आया है उसका इतिहास तीसरी शताब्दी की ओर इशारा कर रहा है.

वाराणसी में मिला भारत का सबसे पुराना शिव मंदिर

मंदिर के ऊपर का आधा निर्माण हटाया गया तो इससे लगा हुआ एक प्रदक्षिणा पथ भी सामने आया है. ऊंचे और वर्गाकार अधिष्ठान पर वृत्ताकार गर्भ ग्रह का निर्माण कर उसके अंदर वर्गाकार आधारित एक मुखी शिवलिंग की स्थापना की गई. शिवलिंग का पत्थर भी चुनार के बलवा मिट्टी का बना हुआ है. इसमें जटाधारी शिवलिंग का आकार मिला है.



बता दे इस मंदिर के सामने ही एक और शिव मंदिर और शिवलिंग पहले मिला था. मंदिर और शिवलिंग कुएं की खुदाई करते वक्त मिला था जिसके बाद गांव के लोगों ने यहां पर शिव मंदिर बना दिया जो गहरी सीढ़ियां उतर जाना पड़ता है.

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Post By Shweta