युगद्रष्टा, क्रांतिकारी राष्ट्रसंत तरूणसागर जी महाराज ( 26 जून, 1967 – 01 सितंबर, 2018)
जैन धर्म की दीक्षा लेने के बाद 8 मार्च, 1981 को उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था और एक मुनि का जीवन अपना लिया था। दिगम्बर जैन मुनि तरुण सागर अपने उपदेशों ‘कड़वे वचन’ के लिए काफी प्रसिद्ध हैं।
जैन मुनि तरुण सागर अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते थे. जैन मुनि ने देश की कई विधानसभाओं में प्रवचन दिया. हरियाणा विधानसभा में उनके प्रवचन पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद संगीतकार विशाल डडलानी के एक ट्वीट ने काफी बवाल खड़ा कर दिया था. मामला बढ़ता देख विशाल को माफी भी मांगनी पड़ गई थी. इस विवाद के बाद आम आदमी पार्टी से जुड़े संगीतकार डडलानी ने राजनीति से अपने आप को अलग कर लिया था।
जैन मुनि तरुण सागर का जैन समुदाय में काफी प्रभाव है। जैन मुनि पिछले काफी दिनों से पीलिया से पीड़ित थे। बीते दिनों उन्हें दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। हालांकि उनकी सेहत में सुधार ना होने के बाद बताया जा रहा है कि जैन मुनि तरुण सागर ने पिछले कुछ दिनों से दवाईयां लेना बंद कर दिया था। जिसके बाद उन्हें राधापुरी जैन मंदिर लाया गया और वहां उन्होंने ‘संथारा’ की प्रक्रिया शुरु कर दी थी। बता दें कि संथारा की प्रक्रिया में व्यक्ति अपनी मृत्यु तक व्रत रखता है और इसी प्रक्रिया में अपने प्राण त्याग देता है।
बताया जा रहा है कि मुनिश्री अपने गुरु पुष्पदंत सागर महाराज की स्वीकृति के बाद संलेखना (आहार-जल न लेना) कर रहे थे। वे जिस कमरे में ठहरे थे, वहां पर सिर्फ जैन मुनियों और शिष्यों को ही जाने की इजाजत थी।
आज सुबह जैन मुनि तरुण सागर का 51 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3:11 बजे अंतिम सांस ली. दरअसल, उन्हें पीलिया हुआ था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के ही एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है उनपर दवाओं का असर होना बंद हो गया था।
जैन मुनि तरुण सागर के निधन से जहां उनके समर्थकों में दुख की लहर है, वहीं कई बड़ी हस्तियों ने जैन मुनि के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
आज शनिवार (01 सितम्बर 2018 ) को ही गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) के मुरादनगर स्थित तरुणसागरम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।