मानुषी छिल्लर की कुंडली क्या कहती है?
आपको बता दें कि देश का नाम दुनिया भर में रोशन करने वाली मानुषी छिल्लर हरियाणा की रहने वाली हैं। मानुषी ने मिस वर्ल्ड बनने से पहले इसी साल 54वीं फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड 2017 का खिताब भी जीता था, जिसके बाद इस बात के कयास लगाये जा रहे थे कि मानुषी मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
मानुषी का जन्म 14 मई 1997 को रोहतक में हुआ है और अभी उनकी उम्र 20 साल हैं। खूबसूरती के साथ – साथ मानुषी पढ़ाई में भी आगे हैं। मानुषी मेडिकल साइंस की छात्रा हैं। मानुषी डॉक्टरी की पढ़ाई के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में भी काम करती हैं। मानुषी हृदय रोग सर्जन बनना चाहती हैं और ग्रामीण इलाकों में बहुत सारे गैर लाभकारी अस्पताल खोलना चाहती हैं |
मानुषी छिल्लर प्रशिक्षित शास्त्रीय “कुचिपुड़ी” नृत्यांगना हैं. उनको खेल-कूद में काफी दिलचस्पी है। इसके साथ ही उन्हें स्केचिंग करना और पेटिंग करना काफी पसंद है। 20 वर्षीय मानुषी पीरियड्स के दौरान स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाने का काम कर चुकी हैं। मानुषी पीजीआई एमएस रोहतक से पासआउट है, और उनके पिता डॉ मित्रवसु और माता दोनों पेशे से एक डॉक्टर हैं और डीआरडीओ दिल्ली में सेवारत हैं।
मानुषी छिल्लर रोहतक की कमल कॉलोनी वासी डॉ. मित्रवसु चिल्लर की बेटी हैं। उनकी मां नीलम दिल्ली के इबहास में डिपार्टमेंट अॉफ न्यूरोकैमिस्ट्री की हेड हैं। डॉक्टर दंपति की बेटी मानुषी ने दिल्ली के सेंट थॉमस स्कूल और सोनीपत के भगत फूल सिंह गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज फॉर वीमेन से पढ़ाई की है। मानुषी को नृत्य, गायन, कविता लिखने और चित्रकारी का शौक है।
मानुषी जहां चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई कर रही हैं, वहीं उनकी बहन वकालत में अध्ययनरत हैं और उनका छोटा भाई अभी स्कूल में है।मानुषी फिलहाल भगत फूल सिंह विवि खानपुर से एमबीबीएस की छात्रा हैं। मानुषी शुरु से ही पढ़ाई के साथ सामाजिक कार्यों से जुड़ी रहीं हैं। डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद भी मानुषि अपनी खूबसूरती के दम पर एक सुपरमॉडल बन गईं।
मानुषी मिस हरियाणा भी रह चुकी हैं। मानुषी छिल्लर की सफलता से जहां देश का गौरव बढ़ा है वहीं यमुनापार में स्थित इहबास (मानव व्यवहार व संबद्ध विज्ञान संस्थान) भी गौरवान्वित है।
जून 2017 में मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद मानुषी छिल्लर पहली बार अपने गांव पहुंची थी तो उन्होंने इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने के लिए वे एमबीबीएस का एक साल ड्रॉप कर रही हैं, हालांकि ये भी कहा था कि प्रतियोगिता पूरी होने के बाद वे इसे पूरा करेंगी। लेकिन मानुषी में कुछ कर गुजरने का जज्बा इतना था कि उन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया और मां बाप ने भी इसमें उनका साथ दिया।मानुषी ने बताया कि उनके इस फैसले में उनके सभी परिजन उनके साथ हैं।
वैसे भी मॉडलिंग और ग्लैमर की दुनिया उनका पहला शौक है। ऐसे में मेडिकल की पढ़ाई और ब्यूटी कांटेस्ट की तैयारी में बैलेंस करने में दिक्कत जरूर आई, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वे एमबीबीएस पूरी नहीं करेंगी। एमबीबीएस पूरी करके डॉक्टर बनकर वे बहुत से ऐसे काम करना चाहती हैं, जो महिलाओं के हित में होंगे |मानुषी छिल्लर कहती हैं कि कुछ भी करने की कोई सीमा नहीं होती। हम सीमा से परे हैं और हमारे सपने भी अनंत हैं। हमें खुद पर कभी भी संदेह नहीं करना चाहिए। उनके माता-पिता ने इसी सोच के साथ हरियाणा में उनकी परवरिश की।
मानुषी छिल्लर की कुंडली
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की मानुषी छिल्लर का जन्म 14 मई 1997 को रोहतक/बहादुरगढ़ (हरियाणा) में शाम को लगभग 6 बजे तुला लग्न हुआ हैं।
(गूगल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार)
उनके पिता का नाम डाक्टर मित्रवसु छिल्लर हैं।
मानुषी छिल्लर की जन्म राशी सिंह बनती हें जहाँ 11 वें भाव में चन्द्रमा ,मंगल के साथ मिलकर लक्ष्मी योग बना रहा है।
मानुषी छिल्लर की जन्म कुंडली के सुख भाव/चौथे भाव में देव गुरु बृहस्पति,शनि की राशि मकर में विराजमान है।
इनकी जन्म कुंडली के छठे भाव में शनिदेव केतु के साथ मीन राशी में स्थित हें अर्थात रोग/बीमारियों से सम्बन्ध बना रहे है।
अष्टम भाव में वृषभ का शुक्र अपनी राशि “वृषभ” में स्थित होकर मरीज/इलाज/अस्पताल से सम्बन्ध बना रहा है।
वहीं सप्तम भाव में मेष राशी में सूर्य-बुध मिलकर बुधादित्य योग बना रहें है।
वर्तमान में मानुषी छिल्लर की जन्म कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही हें | 10 जनवरी 2004 से 10 जनवरी 2024 तक रहेगी।
इस समय शुक्र की महादशा में शनि की अन्तर्दशा 10 नवम्बर से 2016 चल रही हें और उसमे केतु का प्रत्यंतर 23 अक्तूबर 2017 से चल रहा है 30 दिसम्बर 2017 तक रहेगा।
मानुषी छिल्लर की कुंडली में मंगल और शुक्र बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें। इनकी सुन्दरता और लम्बाई में इनकी बहुत बड़ी भूमिका है। इनके प्रभावस्वरूप ही इनका सम्बन्ध कला के क्षेत्र (पेंटिंग/चित्रकारी,नृत्य एवं कविता तथा लेखन आदि) से हुआ। मंगल के कारण की इनका रुझान खेलकूद में भी रहा।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की इनकी नवांश भी बहुत प्रभावी /दमदार है।