जोधपुर कोर्ट का फैसला, आसाराम बापू को उम्र क़ैद की सजा
जोधपुर, 25 अप्रैल; आम इंसान संत महात्माओं के पास अपनी समस्याओं का निदान या थोड़े सुकून के लिए जाता है लेकिन जब वहीँ संत, महात्मा अपने संत आचरण का त्याग कर आम जनता की बेबसी का लाभ उठाने लगे तो उनका कुछ ऐसा ही हाल होता है जो आसाराम बापू का हुआ है।
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आसाराम को नाबालिग से रेप का दोषी करार दिया गया है. आसाराम एक नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में क़रीब 5 साल से ज़्यादा वक़्त से जेल में बंद था. इस मामले में जोधपुर कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुनाया. इस मामले में आसाराम के साथ दो और लोगों को दोषी करार दिया गया है।
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आपको बता दें इस मामले में कुल पांच लोग आरोपी थें, जिनमें दो लोगों को बरी कर दिया गया है. आसाराम रेप केस में फैसला सुनाने के लिए कोर्ट जेल में ही लगा और वहीं फैसला सुनाया गया. पुलिस ने आसाराम रेप में उनके सेवादारों के ख़िलाफ़ नवंबर 2013 में चार्जशीट दाख़िल की थी. इस केस में कुल 58 गवाहों ने गवाही दी. नाबालिग से रेप के आरोपी आसाराम बापू को जोधपुर की एक अदालत ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई है। बाकी दो दोषियों शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता(सेविका), शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए शिवा उर्फ सवाराम (आसाराम का प्रमुख सेवादार), प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया) को बरी कर दिया था। कोर्ट ने माना है कि आसाराम ने ही नाबालिग से बलात्कार किया था।
प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए जोधपुर को किले में तब्दील कर दिया है. पूरे शहर में धारा 144 लागू है. पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान फ़्लैग मार्च कर रहे हैं. हर आने-जाने वालों की तलाशी ली जा रही है. आसाराम के जोधपुर आश्रम को भी ख़ाली करा लिया गया है.