कांवड यात्रा में उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने वाली सेवा टीम का रूद्राक्ष के पौधे देकर किया अभिनन्दन
- हरियाली को हरियाली से सम्मानित किया
- कांवड यात्रा में उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने वाली सेवा टीम का रूद्राक्ष के पौधें देकर किया अभिनन्दन
- आगामी कांवड़ यात्रा को और बेहतर बनाने पर हुई विस्तृत चर्चा
- परमार्थ निकेतन द्वारा जल मन्दिर, चिकित्सा सुविधायें, स्वच्छता स्लोगन, स्वच्छता सेल्फी पांइट, स्वच्छता संकल्प पत्र, हस्ताक्षर अभियान, पपेट शो आदि के माध्यम से कावंडियों को जागरूक किया
- कावंड मेला कचरा मेला न बनें -स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 30 जुलाई। कांवड़ मेला लगभग समाप्त होने को है, सरकार, प्रशासन, धार्मिक संस्थायें और स्थानीय लोगों के सहयोग से सफलतापूर्वक श्रावण के दो सोमवार सम्पन्न हुयेें। वही दूसरी ओर राजाजी नेशनल पार्क और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में अत्यधिक मात्रा में कचरा, प्लास्टिक और खाद्य सामग्री जगह-जगह पड़ा हुआ है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने शहरवासियों से निवेदन किया कि सब मिलकर सहकारिता से अपने शहर को स्वच्छ बनाने हेतु आगे आये। कांवड यात्रा के दौरान अनेक स्थानों पर कचरे-कूडे़ के ढ़ेर लगे हुये है। वर्षा के दौरन इस कचरे के सड़ने से बदबू फैलेगी, बीमारियां बढ़ेगी तथा यह कचरा नालियों और सीवर को भी बंद कर सकता है इसे जितनी जल्दी हटा दिया जायें उतना ही बेहतर होगा।
कांवड यात्रा के दौरान परमार्थ निकेतन आश्रम द्वारा राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में कांवड़ यात्रा में आये कावड़ियों की सुविधा के लिय कई जल मन्दिर लगायें गयें हैं। साथ ही बाघखाला क्षेत्र में निःशुल्क प्राथमिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिदिन 500 से 600 कावड़ियों की जाँच कर निःशुल्क दवाईयां वितरित की जा रही थी। साथ ही परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों द्वारा पपेट शो के माध्यम से प्रतिदिन कावड़ियों को स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, नदियों की स्वच्छता एवं वृक्षारोपण हेतु रोचक संदेश प्रसारित किये जा रहे है।
परमार्थ निकेतन द्वारा राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में स्वच्छता स्लोगन, स्वच्छता सेल्फी पांइट, स्वच्छता संकल्प पत्र, हस्ताक्षर अभियान, पपेट शो आदि के माध्यम से कावंडियों को जागरूक किया जा रहा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कांवड मेला, कचरा मेला न बनें। उन्होने आज बाघखाल, राजाजी नेशनल पार्क का दौरा किया, वहां की समीक्षा की और बताया कि इस क्षेत्र में जगह-जगह पर कूड़े के ढ़ेर लगे हुये है। बाघखाला क्षेत्र प्लास्टिक और गंदगी से पटा हुआ है। स्वामी जी ने बताया कि इस बार परमार्थ निकेतन द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान जो सेवा कार्य किये जा रहे थे आगामी वर्ष उसे और बेहतर तरीके से प्रसारित किया जायंेगा। स्वामी जी के नेतृत्व में एक बैठक हुई जिसमंे कांवड यात्रा के दौरान सरकार के कार्यो, संस्थाओं के कार्यो और कावंडियों के द्वारा किये गये कार्यो की समीक्षा की गयी।
सम्पूर्ण कांवड यात्रा कि दौरान परमार्थ निकेतन के वरिष्ट चिकित्सक डाॅ रवि कौशल जी, श्री प्रेमराज जी, श्री रामप्रकाश जी, श्रीमती वंदना जी, श्रीमती अनुराधा गोयल जी, श्री सतीश गोयल जी, श्री सेमुअल जी, श्री रामचरण जी, श्री रमेश, मुकेश, उदय, श्री अशोक जी, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार एवं आचार्यो ने अपनी उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कांवड मेला में सेवायें प्रदान कर रही सेवा टीम को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर अभिनन्दन किया।
इस दौरान अनेकों कांवड़ियों ने स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग करने हेतु संकल्प लिये, शौचालय का उपयोग करने, देश को खुले में शौच मुक्त करने, अपने गांवों और गलियाां को स्वच्छ करने का संकल्प लिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने ऋषिकेश शहर के निवासियों, स्वर्गाश्रम निवासियों, धार्मिक, स्वयसेवाी एवं सामाजिक संस्थाओं से आह्वान किया कि कल (31 जुलाई 8 बजे से 10 बजे तक) बाघखाला क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया जायेंगा जिसमें आप सभी मिलकर सहयोग करें और सभी अवश्य भाग लें।