परमार्थ निकेतन द्वारा कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिये लगायें गयें 10 जल मन्दिर
- प्राथमिक चिकित्सा शिविर में आज 500 से अधिक कावड़ियों का निःशुल्क इलाज
- पपेट शो के माध्यम से कावड़ियों को दिया जा रहा है स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
- भोले बाबा को जल चढ़ायें और भूमि का जल बचायें – स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 19 जुलाई। कांवड़ यात्रा में आये कावड़ियों की सुविधा के लिये परमार्थ निकेतन द्वारा बाघखाल, राजाजी नेशनल पार्क से बैराज तक 10 जल मन्दिर लगायें गयें हैं। साथ ही बाघखाल क्षेत्र में निःशुल्क प्राथमिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें आज 500 से अधिक कावड़ियों की जाँच कर निःशुल्क दवाईयां वितरित की गयी। शुकदेवानन्द धर्मार्थ चिकित्सालय, परमार्थ निकेतन के वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ रवि कौशल जी और उनकी टीम द्वारा चिकित्सा शिविर पूरे कांवड़ यात्रा के दौरान चलाया जायेंगा।
पपेट शो के माध्यम से कांवड़ियों को स्वच्छता, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का उपयोग न करने, स्वयं की स्वच्छता, घरों एवं अपने आस पास के परिसर की स्वच्छता, वृक्षारोपण और पर्यावरण का संरक्षण का संदेश प्रतिदिन दिया जा रहा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने विदेश से भेजे अपने संदेश में कहा कि सावन माह अत्यंत पवित्र माह है इस माह में भगवान शिव के गले के अभिषेक के साथ साथ अपनी अपनी गलियों का भी अभिषेक करें तथा भोले और भूमि दोनों से जुडें। भोले बाबा को जल चढ़ायें और भूमि का जल बचाये। भोले से जुड़ने वाले, धरती से भी जुड़े और वृक्षारोपण के लिये आगे आयें। भोले का अभिषेक करे साथ ही भूमि का भी अभिषेक करे।
स्वामी जी ने कावड़ियों से निवेदन किया कि तीर्थ नगरी की गरिमा को ध्यान में रखते हुये व्यवहार करे। पैदल यात्रियों और डाक कावड़ के लिये जो रूटप्लान बनाया गया है उसका पालन करें ताकि स्थानीय लोगों को भी असुविधा का सामना न करना पडें।
परमार्थ निकेतन द्वारा आयोजित प्राथमिक स्वास्थ्य शिविर में डाॅ रवि कौशल जी, श्रीमती वन्दना जी, श्री प्रेमराज जी, श्री सैमुअल जी, उदय, परमार्थ गुरूकुल के .ऋषिकुमार एवं अन्य सदस्य अपनी उत्कृष्ट सेवायें प्रदान कर रहे है