कुम्भ पर विचार विचार गोष्ठी : भारतीय जनसंचार संस्थान और रिलीजन वर्ल्ड का साझा प्रयास
दिल्ली, 7 फरवरी, 2019। भारतीय जनसंचार संस्थान और रिलीजन वर्ल्ड ने मिलकर 7 फरवरी 2019 को दिल्ली में कुम्भ पर एक गोष्ठी का आयोजन किया। देश में कुम्भ का आयोजन प्रयागराज में जारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए देश के पत्रकारिता के सबसे प्रतिष्ठिन संस्थान IIMC और सभी धर्मों की मशहूर वेबसाइट रिलीजन वर्ल्ड – www.religionworld.in ने इसपर इस विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। दिल्ली के सभी पत्रकारिता संस्थानों ने छात्रों ने इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
कुम्भ में हुई इस विचार गोष्ठी को दो सत्रों में रखा गया। पहला सत्र था भारतीय सभ्यता के अनुसार कुम्भ के विचार की व्याख्या और दूसरा सत्र था मीडिया की कवरेज की दृष्टि से कुम्भ। दोनों सत्रों के दौरान तीन खास डॉक्युमेंट्री फिल्मो को भी पेश किया गया, जिनका निर्माण रिलीजन वर्ल्ड द्वारा इस कुम्भ के दौरान ही किया गया था।
पहले सत्र में वृंदावन के श्री मन माधव गोडेश्वर वैष्णावाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की साध्वी जया भारती और गुरु अरूण कुमारजी ने संबोधित किया। वार्ता और विचार के क्रम में सभी वक्ताओं ने कुंभ के दर्शन, ज्ञान, सामाजिक महत्व को सरलता से पेश किया। कार्यक्रम की शुरूआत में भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक केजी सुरेश ने धर्म को पत्रकारिता के लिहाज से कवर करने की चुनौतियों और उसके पहलुओं को पेश किया। पुंडरीक गोस्वामी ने कहा कि, “कुंभ धर्म शास्त्रों में वर्णित एक मान्यता से मनाया जाता है, पर इसका दर्शन हमें रोज देखने को मिलता है। कुंभ का हर पंडाल कुंभ यानि घड़े की तरह होता है, द्वार छोटा और अंदर बीच में बड़ा। उन्होंने भारतीय दर्शन के अनुसार नागा, अखाड़ा, पंचतत्व और कुंभ के सामाजिक दर्शन की सुंदर व्याख्या की। साध्वी जया भारती ने कुंभ के दर्शन को आत्मा और परमात्मा से जोड़कर पेश किया, “जहां जाकर सत्य का अहसास हो, जहां कोई ऐसा मिले जो आपको परमात्मा से मिला दे, वही कुंभ है”। गुरू अरूणकुमारजी ने कहा कि, “कुंभ का ऊर्जाक्षेत्र ऐसा होता है कि वहां कोई भी जाकर नई जिंदगी पा सकता है, और ऐसा विज्ञान की व्याख्याओं से भी पता चलता है”।
दूसरे सत्र में बीबीसे के साथ लंबे समय तक कार्य कर चुके वरिष्ठ पत्रकार अरूण अस्थाना, हिंदुस्तान समाचार न्यूज एजेंसी के फीचर्स संपादक प्रभात ओझा, भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक केजी सुरेश और रिलीजन वर्ल्ड के संस्थापक भव्य श्रीवास्तव थे। इस सत्र का संचालन भव्य श्रीवास्तव ने किया। अरूण अस्थाना ने कहा कि, “बीबीसी में धर्म के मामलों को कवर करने की बड़ी टीम होती है, जो हर धार्मिक आयोजन के मूल तत्वों को कवर करती है। जैसे कुंभ में विद्वत परिषद के बैठक जैसे खास आयोजनों को, जो धर्म को दशा दिशा पर विचार करते हैं, धर्म कोई भी कवर कर सकता है, बस नजरिया और तथ्यों की जानकारी होनी जरूरी है”। प्रभात ओझा ने कहा कि, “कुंभ से बड़ा आयोजन कोई नहीं है, इसलिए एक एजेंसी के लिए इसे कवर करना एक चुनौती होता है, हम हर पहलू को देखकर इसमें से खबरें निकालते है”। केजी सुरेश ने कहा कि, “धर्म कवर होना चाहिए, पर संस्कृति की समझ भी जरूरी है। जैसे नेपाल में भारतीय मीडिया का कई बार विरोध होता है क्योंकि यहां के पत्रकार वहां की धार्मिक भावना को बिना समझे रिपोर्टिंग करने लगते हैं”। भव्य श्रीवास्तव ने कहां कि, “धर्म कवर करना सबस रोचक है कि क्योंकि आप खेल कवर करेंगे तो भारत में क्रिकेट और अमेरिकी में बेसबाल कवर करनो होगा, फिल्में भी हर संस्कृति में अलग होती हैं, पर धर्म में यहां ईसाई हो या बौद्ध, सबकी मुख्य बातें एक ही हैं। ये दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत है कि हम धर्म को राजनीति और अर्थ से अलग देखकर एक बीट की तरह कवर करें।”
पूरे कार्यक्रम को रोचक बनाने और उसे मूल विषयों पर केन्द्रित करने के लिए रिलीजन वर्ल्ड ने तीन खास डॉक्युमेंट्रीज – क्या है कुंभ, नागा साधु और कल्पवास का प्रीमियर इस विचार गोष्ठी में किया।
कार्यक्रम में देश के कई विशिष्ट लोग भी शामिल हुए। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के स्वामी विशालानंद, हाउस ऑफ गॉड के समर मांडलोई, प्रोडयूसर विवेक वशिष्ठ, वरिष्ठ पत्रकार खालिद मोइन, डिजीटल एक्सपर्ट सोनिया चौधरी आदि। इस अवसर पर कार्यक्रम मे में विशेष सहयोग कि लिए भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक केजी सुरेश ने हाउस ऑफ गॉड के समर मांडलोई, प्रोडयूसर विवेक वशिष्ठ और डिजीटल एक्सपर्ट सोनिया चौधरी का सम्मान भी किया। कार्यक्रम का मधुर संचालन IIMC की टीवी पत्रकारिता विभाग की विष्णुप्रिया पांडे ने किया।