कुंडली में हो इनमें से एक भी शुभ योग तो बनेंगे, महा धनवान
वैदिक ज्योतिषशास्त्र में हजारों योग बताए गए हैं। इनमें कुछ अशुभ फल देने वाले होते हैं तो कुछ शुभ।
यहां ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री आपको कुछ ऐसे योगों के बारे में बता रहे जिनके कुंडली में होने का मतलब है व्यक्ति धनवान होने के साथ ही महान व्यक्तित्व का भी स्वामी होगा। देखिए आपकी कुंडली में ऐसे योग मौजूद हैं क्या।
आपकी कुंडली में है इनमें से एक भी शुभ योग तो बनेंगे महान और धनवान….
गजकेशरी योग
ज्योतिषशास्त्र का एक शुभ योग है गजकेशरी योग। यह योग कुंडली में गुरु और चन्द्रमा की खास स्थिति से बनता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरू और चन्द्र जन्म कुण्डली में जब एक दूसरे से केन्द्र स्थान में यानी पहले, चौथे, सातवें या दसवें घर में होता है या दोनों इन घरों में एक साथ होते हैं तब यह योग बनता है। जिनकी कुंडली में यह योग होता है वह ज्ञानी होते हैं। इनमें विवेक तथा दया की भावना रहती है। ऐसे व्यक्ति उच्च पद पर आसीन होते हैं और गुणों एवं कर्मों से मृत्यु के बाद भी इनकी नाम यश बना रहता है।
आपकी कुंडली में है इनमें से एक भी शुभ योग तो बनेंगे महान और धनवान
सुनफा
ज्योतिषशास्त्र में एक शुभ ग्रह बताया गया है जिसका नाम है सुनफा। यह योग कुंडली में तब बनता है जब चन्द्रमा से दूसरे घर में कोई शुभ ग्रह जैसे गुरु, शुक्र, बुध बैठा होता है। जिनकी कुंडली में यह योग होता है वह सरकारी क्षेत्र से लाभ प्राप्त करते हैं। धन संपत्ति के मामले में भी ऐसे व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं।
शश्ा योग
पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि किसी जातक की कुंडली में शनि जब अपनी राशि मकर या कुंभ में होते हैं तब शश नामक योग बनता है। शनि की उच्च राशि तुला है। शनि जब तुला में होते हैं तब भी योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति धीरे धीरे सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए यश और प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। आमिर खान, शाहरूख खान, कैटरीना कैफ की जन्मपत्री में भी यह योग मौजूद है।
मालव्य योग
वृष, तुला या मीन राशि में जब शुक्र होता है तब मालव्य नामक राजयोग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति सुन्दर और सौभाग्यशाले होते हैं। प्रसिद्धि इनके साथ-साथ चलती है। ऐसे व्यक्ति जो भी काम करते है उसमें भाग्य पूरा साथ देता है। धन संपत्ति के मामले में यह बड़े ही भाग्यशाली होते हैं। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की कुण्डली में भी यह राजयोग मौजूद है।
रूचक राजयोग
मंगल के अपने उच्च राशि मकर अथवा अपनी राशि मेष या वृश्चिक में केन्द्र स्थान में होने पर यह योग बनता है। यह योग जिनकी कुण्डली में होता है वह बहुत ही साहसी होते हैं और कभी किसी दबाव में आकर कोई काम नहीं करते हैं। ऐसे व्यक्ति जहां भी होते हैं लोग इन्हें सम्मान देते हैं। यह राजा के समान शानो-शौकत से रहते हैं। इसका उदाहरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, इनकी कुंडली में भी यह योग मौजूद है।
हंस योग
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार जब किसी जातक की जन्म कुंडली में गुरू धनु, मीन अथवा कर्क में राशि में होते हैं तब हंस नामक राजयोग बनता है। ऐसे व्यक्ति पढ़ने-लिखने में बहुत ही बुद्धिमान होते हैं। इनकी निर्णय क्षमता अच्छी होती है। राजनीतिक सलाहकार, शिक्षण अथवा प्रबंधन के क्षेत्र में ऐसे लोग बहुत ही सफल होते हैं। इनका जीवन वैभवपूर्ण होता है।
भद्र योग
बुध जब अपनी राशि मिथुन या कन्या में होते हैं, तब भद्र नामक राजयोग बनता है। यह योग जिनकी कुण्डली में होता है वह काफी बुद्धिमान और व्यवहार कुशल होते हैं। अपने व्यवहार और बुद्धि से लोगों से प्रशंसा प्राप्त करते हैं। बुद्धि और चतुराई से ऐसे लोग कार्यक्षेत्र में उच्च पद प्राप्त करते हैं।