3 मार्च यानि फागुन की अष्टमी , और इस दिन का ब्रज में विशेष महत्व होता है, क्योंकि इस दिन मथुरा के बरसाना में ‘लड्डू मार होली’ बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. बरसाना की विश्व विख्यात लठ्ठमार होली से एक दिन पहले लाडली मंदिर में लड्डू होली की बड़ी धूम रहती है. जिसमें देश-विदेश से आए राधा रानी के लाखों भक्त एक दूसरे पर हजारों टन लड्डू, मिठाई व अबीर गुलाल उड़ा कर नाच गाकर इस होली को अलग अंदाज में मनाते हैं.
इस लड्डू होली को खेले जाने के पीछे मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण और नंद गांव के सखाओं ने होली खेलने का न्योता स्वीकार कर लिया है और वह नौंवी के दिन बरसाना की हुरियारिनों से होली खेलने बरसाना आ रहे हैं. आज के दिन यहां पर सभी लोग परंपरागत रूप से लड्डू होली के आनन्द में सराबोर रहते हैं.
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बरसाना के विश्व विख्यात बरसाना स्थित राधा रानी के मंदिर में आज उसी तरह प्रेम रस और खुशी की वर्षा हो रही है जो द्वापर में कभी यहां बरसा करती थी. हर कोई एक दूसरे पर लड्डू फेंक कर व लड्डू खिलाकर बधाई देने के साथ ही खुशियां मनाने में लगा है. बरसाना के लाडली मंदिर में खेली गई इस लड्डू होली को देखने की लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं. जिसमें श्रद्धालुओं पर पहले राधा रानी मंदिर के सेवायत लड्डू फेंकते हैं और उसके बाद श्रद्धालु अपने साथ लाए लड़डूओं को एक दूसरे पर फेंक (मार) कर होली का आनंद लेते हैं. फिर नाचते गाते गुलाल उड़ाते हैं.
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