जहां एक ओर उत्तर भारत में इस दिन को भगवान राम के जन्मोत्सव पर्व के रूप में मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण भारत में ये उत्सव श्रीराम और सीता के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यहां ऐसी मान्यता है कि चैत्र माह की नवमी को भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था।
कल्याणम महोत्सव
दक्षिण भारत के मंदिरों में इस दिन राम और सीता की शादी का आयेाजन किया जाता है, इसे सीताराम कल्यानम कहा जाता है। दक्षिण भारत में इस पर्व पर आंध्रप्रदेश के भद्राचलम स्थित श्रीराम मंदिर में कल्याण महोत्सवम होता है। जिसमें भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाया जाता है।
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कल्यानम पर बनता है विशेष प्रसाद
दक्षिण भारत में इस दिन भगवान राम को प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस पारंपरिक प्रसाद को इस विशेष दिन पर विनम्रता से तैयार कि या जाता है। इस प्रसाद को नैवेद्यम कहते हैं, जो एक प्रकार का लड्डू होता है।
इसके अलावा भी दक्षिण भारत में कई अन्य प्रकार के प्रसाद जैसे पानकम् (इलायची और अरदक से बना एक शीतल पेय), नीर मोर (एक प्रकार का पतला तिल) और वदई पररूपु (मूंग की भीगी दाल में नारियल और मसाले डालकर बनाया गया सलाद ) का भोग भी भगवान राम को लगाया जाता है।