साल 2020 के जून महीने में दो ग्रहण लगने वाले हैं . जून में सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों ही लगेगा. आपको बता दें कि 5 जून 2020 को चंद्र ग्रहण लगेगा, जबकि महीने के अंत में 21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण लगेगा.
चन्द्र ग्रहण
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है. ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों.
उपच्छाया चंद्रग्रहण की बात की जाए तो यह तब लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है. पेनुम्ब्रा धरती की परछाई के हल्के से भाग को बोला जाता है.
चन्द्र ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से महत्त्व
बता दें कि हिन्दु धर्म में चंद्र ग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है. जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से नहीं दिखता उसका धार्मिक महत्व नहीं होता है.
सिर्फ उपच्छाया वाले चंद्र ग्रहण ही नगन आंखों से नहीं दिखते हैं इसलिए उनका पंचांग में कोई महत्व नहीं है. पंचांग में केवल प्रच्छाया वाले चंद्र ग्रहण का महत्व होता है क्योंकि वह नग्न आंखों से देखा जा सकता है.
यदि चंद्र ग्रहण आपके शहर में दर्शनीय नहीं हो परन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है.
लेकिन यदि मौसम की वजह से चंद्र ग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चंद्र ग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है और ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता है.
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चंद्र ग्रहण का स्थानीय समय
चंद्र ग्रहण का समय शुरू – 5 जून को रात को 11.15
परमग्रास चन्द्र ग्रहण – 6 जून को दिन के 12.54 बजे
उपछाया चंद्र ग्रहण से अन्तिम स्पर्श – 2.34 बजे
चंद्र ग्रहण का कुल समय – 3 घंटे और 18 मिनट
सूर्य ग्रहण
भौतिक विज्ञान की दृष्टि से जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चाँद पृथ्वी की. कभी-कभी चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है. फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है.
इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. यह सूर्य ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखाई देगा.
देहरादून, सिरसा तथा टिहरी कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ पर वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा. नई दिल्ली, चंडीगढ़, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलौर, लखनऊ, चेन्नई, शिमला, रियाद, अबू धाबी, कराची, बैंकाक तथा काठमांडू आदि कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
यह सूर्य ग्रहण उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के देशों और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के अधिकांश हिस्सों से दिखाई नहीं देगा. इनके अतिरिक्त यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, इटली, जर्मनी, स्पेन और कुछ अन्य यूरोपीय महाद्वीप के देशों से सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा.
सूर्य ग्रहण का स्थानीय समय
सूर्य ग्रहण का समय शुरू- 10.20 AM
परमग्रास सूर्य ग्रहण- 12:02 PM
ग्रहण समाप्ति काल – 01: 49 PM
खण्डग्रास की अवधि – 5 घंटे, 48 मिनट 3 सेकंड
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