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महाराष्ट्र के पालघर में हिंदू संतों की निर्मम मौत पर संत समाज बेहद नाराज, कड़ी कार्यवाई की मांग

महाराष्ट्र के पालघर में हिंदू संतों की निर्मम मौत पर संत समाज बेहद नाराज, कड़ी कार्यवाई की मांग

पालघर, महाराष्ट्र। जूना अखाड़ा के दो संतों को निर्मम तौर पर हत्या किए जाने से सभी संत समाज में भारी रोष है। 17 अप्रैल की रात को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा 13 मंडी मिर्जापुर परिवार के एक महंत राम गिरी जी गुजरात के वेरावल, सोमनाथ के पास निधन हो गया, अचानक से मिर्जापुर परिवार के कुछ सन्तों को वहां बुलाया गया ताकि महात्मा जी की समाधि लगाई जा सके। जिनमें से दो संत महंत कल्पवृक्ष गिरी जी महाराज (70 वर्ष) और दूसरे महंत सुशील गिरी जी (35 वर्ष) नासिक महाराष्ट्र से गुजरात वेरावल के लिए रवाना हुए। रास्ते में उन्हें महाराष्ट के पालघर जिला में स्थित डहाणू तहसील के गडचिचले ग्राम में पालघर थाने के पुलिसकर्मियों ने रोका। ड्राइवर के साथ दोनों संतों को भी गाड़ी से बाहर निकलने को बोला और उन लोगों को पुलिस वालों ने रोड के बीच में बैठा दिया। थोड़ी देर में वहां गांव के कुछ सदस्य अचानक इकट्ठे हो गए, उन दोनों सन्तों और ड्राइवर को पुलिस वालों ने गाँव वालों के हवाले कर दिया। गाँव वालों ने पुलिस वालों के सामने, डंडे और पत्थरों से मार-मार कर दोनों सन्तों और ड्राइवर की हत्या कर दी।

इस घटना के सामने आने के बाद पहले महाराष्ट्र के कई बीजेपी नेताओं ने राज्य सरकार से कडी कार्यवाई की मांग की। आज इस घटना के वीडियो आने के बाद संतों ने इसी भयावहता को देख सभी से इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाई की मांग की है।

https://twitter.com/sambitswaraj/status/1251810630077734913?s=20

https://twitter.com/swamidipankar/status/1251808046159851521?s=20

https://twitter.com/VedicYatra/status/1251906051143806976?s=20

Maharashtra is a land of saints n divinity n today seen something Diffrent which is not acceptable at all. Saints r killed infront of police. Not good sign in coming days looking at this sad incident. i condemn this act : Sadhguru Brahmeshanandachraya

रिलीजन वर्ल्ड ने स्थानीय स्तर पर बातचीत की तो ये जानकारी मिली है। ये इलाका आदिवासियों और नक्सलियों का है, बीते दिनों में यहां रहने वाले आदिवासी कई अफवाहों के चलते आने जाने वाले लोगों पर हमला कर रहे थे। बीते दिनों पत्रकार और पुलिस पर भी हमले हुए थे। इस इलाके में ये भी अफवाह थी कि कोरोना जा चुका है। गरीबी चरम पर है। बीते दिनों बच्चा चोरी के कारण भी आने जाने वालों को पीटा जा रहा था। कहा जा रहा है कि साधुओं की गाड़ी रोकी गई और आसपास की भीड़ जो अमूमन सड़कों के आसपास रहती थी, ने छीना झपटी शुरू की, पुलिस के आने के बाद भी वे नहीं माने। पुलिस ने अपनी जान बचाने के लिए बीच-बचाव नहीं किया।

Post By Religion World