महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सरकार, संत और सभी देंगे शांति और सद्भाव का संदेश
- देश में बड़े पैमाने पर कैदियों की रिहाई होगी
- अहिंसा विश्व भारती संस्था भारतीय संसद से लेकर संयुक्त राष्ट्रसंघ (UNO) तक 1 वर्ष में 24 कार्यक्रमों की शृंखला का शुरू करेगी
महात्मा गांधी के जन्म के 150 वर्ष पूरे होने पर पूरे देश में कई आयोजन होंगे। केन्द्र सरकार ने भी चंपारण से लेकर साबरमती तक कई कार्यक्रम की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके है, “ये वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष का प्रतीक है। स्वच्छ भारत बनाने के सामूहिक संकल्प के अलावा, हमें यह सोचना चाहिए कि हम 125 करोड़ भारतीय गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए क्या कर सकते हैं।”
पीएम मोदी ने इस अवसर पर लोगों से ‘गांधी 150’ का लोगो डिजाइन करने और स्लोगन तैयार करने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने इसे सबका उत्सवर बनाने की बात कही, “आइए हम सभी महात्मा गांधी से प्रेरणा लें हैं और राष्ट्र को और अधिक ऊंचाई पर ले जाएं। बापू को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए आप भी विभिन्न कार्यक्रमों या पहल के लिए अपने सुझावों को साझा कर सकते हैं”।
बिहार के चंपारण से शुरू होने वाले इस जयंती उत्सव को मान देने के लिए इस अवसर देश में बड़े पैमाने पर कैदियों की रिहाई होगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अपनी आधी से अधिक सजा काट चुके उम्रदराज और विकलांग कैदियों को तीन चरणों में रिहा किया जाएगा। नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह सुझाव दिया था, जिसपर कैबिनेट की मुहर लग गई है।
देश के धर्मगुरूओं ने भी इस खास जयंती वर्ष को देश में शांति और सद्भाव का संदेश देने के लिए चुना है। जैन संत आचार्य लोकेश ने बताया कि इस वर्ष महात्मा गांधी के जन्म के 150 वे वर्ष के उपलक्ष्य में अहिंसा विश्व भारती संस्था भारतीय संसद से लेकर संयुक्त राष्ट्रसंघ (UNO) तक 1 वर्ष में 24 कार्यक्रमों की शृंखला का शुरू करने जा रही हैं जिसका पहला प्रोग्राम मुम्बई फ़ोर्ट स्थित BSE के ओडिटोरियम में 30 सितम्बर रविवार को प्रात:10 बजे शुरू होने जा रहा है जिसमें विश्व प्रसिद्ध धर्मगुरू वरिष्ट केन्द्रीय मंत्री सहित विश्व की जानी मानी हस्तियाँ साक्षी बनेगी।
सरकार 2 अक्टूबर, 2019 से 2 अक्टूबर, 2020 तक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्मशती मनाएगी। केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी के संदेश का प्रसार करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है।