नई दिल्ली, 14 मार्च; मलमास 14 मार्च 2021 रविवार को सायं 6.08 बजे सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने के साथ प्रारंभ होगा और यह 13-14 अप्रैल की मध्यरात्रि में 2.31 बजे तक रहेगा.
इस एक माह के दौरान सगाई, विवाह, नूतन गृह प्रवेश, मुंडन, गृह निर्माण कार्य, भूमि, भवन संपत्ति, वाहन आदि की खरीदी जैसे कार्यो पर प्रतिबंध लग जाएगा.
लेकिन साथ ही मलमास आपके लिए शुभ भी हो सकता है. इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करते हुए बृहस्पति को प्रसन्न करने के उपाय कीजिए, फिर आपकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी.
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क्या है मलमास
सूर्य एक राशि में 30 दिन तक भ्रमण करता है. इस प्रकार 12 माह अर्थात् एक वर्ष में सूर्य 12 राशियों का एक चक्र पूरा कर लेता है. भ्रमण करते हुए सूर्य जब-जब बृहस्पति की राशि धनु और मीन में आता है, तो उसे मलमास कहा जाता है. भारतीय ज्योतिष शास्त्र और मुहूर्त शास्त्र के अनुसार प्रत्येक शुभ कार्य में बृहस्पति का साक्षी होना अनिवार्य होता है. सूर्य जब भी किसी ग्रह की राशि में जाता है, तो उसे अस्त के समान कर देता है. यहां मीन राशि में सूर्य के आने से राशि स्वामी बृहस्पति मलिन हो जाता है, इसलिए इसे मलमास कहा जाता है और मलमास में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करना वर्जित रहता है.
क्या करें
मलमास के दौरान बृहस्पति और सूर्य दोनों की आराधना करना चाहिए. दोनों ग्रहों के वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए.
सूर्य को नित्य जल का अर्घ्य दें, बृहस्पति के निमित्त भगवान नारायण को प्रतिदिन पीले पुष्प अर्पित करें.
जिन लोगों की जन्मकुंडली में जन्मकालिक बृहस्पति अस्त हो, वक्री हो, उन्हें विशेषकर बृहस्पति की आराधना करना चाहिए. गुरुवार का व्रत रखें.
गाय को एक रात पहले पानी में भिगोई हुई चने की दाल खिलाएं.
मलमास बृहस्पति को प्रसन्न करने का सबसे सही समय होता है. बृहस्पति वैवाहिक सुख का कारक ग्रह भी है.
जिन युवक-युवतियों के विवाह में बाधा आ रही है. वे मलमास के एक माह के दौरान बृहस्पति के सवा लाख बीज मंत्रों का जाप पूर्ण करें और उसके दशांश का हवन करें.
इस मीन मलमास का प्रथम बुधवार 17 मार्च को आ रहा है। इस दिन विनायक चतुर्थी भी है जो अत्यंत शुभ संयोग बना रहा है।
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