हनुमान जयंती पर हनुमानजी को प्रसन्न करने के मन्त्र
देवताओं में भगवान शिव के बाद बजरंगी बली ही ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्तों पर अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं. छोटे–छोटे उपायों व मंत्रों से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं. सच्चे मन से श्रद्धापूर्वक की गई पूजा कभी बेकार नहीं जात. प्रेत बाधा, बीमारी, किसी भी तरह का डर, दुश्मनों से बचाव या और भी कोई परेशानी हो इन सभी का निवारण है संकटमोचन हनुमान की आराधना में.
हनुमान जयंती के अवसर पर आप को बजरंग बली के कुछ मन्त्र बता रहे हैं जिनसे आपको अपनी कई समस्याओं का निदान मिलेगा।
हनुमान जी के आह्वान हेतु मन्त्र
इस मंत्र को पढ़ते हुए पवनपुत्र हनुमान का आवाह्न करना चाहिए:
श्रीरामचरणाम्भोज–युगल–स्थिरमानसम्। आवाहयामि वरदं हनुमन्तमभीष्टदम्॥
हनुमान जी को आसन समर्पित हेतु मन्त्र
हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पित करना चाहिए:
नवरत्नमयं दिव्यं चतुरस्त्रमनुत्तमम्। सौवर्णमासनं तुभ्यं कल्पये कपिनायक॥
हनुमान जी को सिन्दूर चढाने हेतु मन्त्र
इस मंत्र को पढ़ते हुए अंजनीपुत्र हनुमान को सिंदूर चढ़ाना चाहिए: दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम्। तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो॥
हनुमान जी को पंचामृत अर्पण हेतु मन्त्र
राम भक्त हनुमान की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पंचामृत चढ़ाना चाहिए:
मध्वाज्य – क्षीर – दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः। पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर॥
पूजा के दौरान हुए क्षमा प्रार्थना हेतु मन्त्र
हनुमानजी की पूजा करते हुए इस मंत्र को पढ़कर उनसे क्षमा–प्रार्थना करनी चाहिए:
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर। यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु में॥
हनुमान जी को प्रसन्न करने हेतु मन्त्र
बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए: सुमिरि पवन सुत पावन नामू। अपने बस करि राखे रामू॥
रोग पीड़ा से मुक्ति के लिए मन्त्र
सभी तरह के रोग और पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
हनुमान अंगद रन गाजे। हांके सुनकृत रजनीचर भाजे॥ नासे रोग हरैं सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बल बीरा॥
कार्यसिद्धि हेतु मन्त्र
किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
ॐ हनुमते नमः।
धन संपत्ति प्राप्त हेतु मन्त्र
धन– सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन। शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो॥
अपनी रक्षा हेतु हनुमान जी के इस मन्त्र का करें जाप
अपनी रक्षा और यथेष्ट लाभ हेतु इस मंत्र का जाप करना चाहिए: अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम। रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।।
शत्रुओं से मुक्ति हेतु जाप
दुश्मनों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
प्रेत बाधा दूर करने के लिए मन्त्र
भूत–प्रेत बाधा से पीछा छुड़ाना हो तो हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय। नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।। प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन। जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।
हनुमान जी को अर्घ्य देने का मन्त्र
मारुतिनंदन की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें अर्घ्य देना चाहिए: कुसुमा–क्षत–सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्गव। दास्यामि ते अन्जनीपुत्र। स्वमर्घ्यं रत्नसंयुतम्।।