Deepak Tratak Meditation: क्या है दीपक त्राटक ध्यान विधि
दीपक त्राटक का अभ्यास वैसे तो कभी भी जब आप को समय मिलेँ किया जा सकता है लेकिन संध्या के समय पर करना अच्छा रहता है क्योँकि पूरा वातावरण शांत रहता है.
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दीपक त्राटक की अभ्यास विधि
अभ्यास के लिये एक एकान्त जगह हो जहाँ कोई विक्षेप ना हो, यदि कमरे मेँ मंद प्रकाश हो तो अच्छा है नहीँ पुरा अँधेरा कर ले. अभ्यास के लिये कमरे का ऐसा स्थान चुने जो हवा लगभग स्थिर हो जिससे दीपक की लौ बार बार हिले नहीँ. तत्पश्चात एक मोटा आसन और दीपक ,एक फूलबत्ती बनाये. दीपक मेँ घी हो तो अच्छा है कमरा सुगन्धित हो जायेगा नहीँ तो तेल से काम चलाये और वो भी नहीँ हो तो मोमबत्ती का प्रयोग कर सकते है .
अब दीपक या मोमबत्ती को अपने आसन से लगभग तीन या चार फुट की दूरी पर अपनी आँखो की सीध मेँ स्थापित करे. अब दीपक जला दे व लौ को स्थिर होने दे. फिर अपने आसन पर सुखासन, वज्रासन, पद्मासन या सिद्धासन जिसमेँ बैठने मेँ परेशानी ना हो में बैठे.
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पहले दो तीन श्वास लम्बे लेकर शरीर को शांत करे फिर निश्चय से लौ पर दृष्टिपात करे, लौ कि गहराई मेँ देखे. इस अभ्यास को 5-10 मिनट से आरम्भ करके आधे घण्टे तक बढ़ाया जा सकता है. अभ्यास के बाद स्वच्छ व ठण्डे जल से आँखे धो ले .इस अभ्यास से सप्ताह भर या 10-15 दिन मेँ आपमेँ बेधक दृष्टि आ जायेगी .
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नोट: यदि आंख कमजोर है तो त्राटक ना कीजिये केवल अंतर त्राटक यानि आंख बंद करके आंख के अंदर देखने वाली विधि का इस्तेमाल कीजिये .