वेदों के बारे में आसान भाषा में जागरूकता फैलाएं : भागवत
नयी दिल्ली, 6 अक्टूबर; राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वेदों के बारे में जागरूकता उस भाषा में फैलानी चाहिए जो आज की दुनिया के लोग समझते हैं. वेद हिन्दू धर्म के सबसे पुराने धर्मग्रंथ हैं जो वैदिक संस्कृत में हैं. वेदों में उच्च गुणवत्ता का ज्ञान है जिसको न किसी प्रमाण पत्र की जरूरत है और न ही साबित करने की.
संघ प्रमुख ने कहा कि वेदों का जो रूप आज मौजूद है, वह हजारों वर्ष पहले का है. लोगों को इस विश्व को बेहतर स्थान बनाने के लिए इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है.
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भागवत ने कहा, उस समय और आज के समय की भाषा में अंतर है. हमें लोगों को वेद उस भाषा में समझाना है, जो आधुनिक विश्व समझता है.
संघ प्रमुख यहां भारतात्मा अशोकजी सिंघल वैदिक पुरस्कार 2017 को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में स्वामी गोविंददेव गिरी जी महाराज को भारतात्मा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे दशकों से वेदों की विरासत को संजोने, संवारने और बालकों को उनसे परिचित और प्रवीण करने में प्रयासरत है। महाराष्ट्र और देश के कई हिस्सों में उनके वेद विद्यालयों में हजारों बच्चे और युवा वेद की शिक्षा ग्रहण कर रहे है।
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